प्रयागराज। भारतीय लोक कला महासंघ की ओर से, कलाओं और कलाकारों के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रोत्साहन की उत्कृष्ट नीतियां विषय पर आयोजित एक महत्वपूर्ण सेमिनार आयोजित किया गया। आज दिनांक 26 अक्टूबर 2024 को हिंदुस्तानी अकादमी, प्रयागराज में आयोजित इस सेमिनार में अपने आधार वक्तव्य में भारतीय लोक कला महासंघ के अध्यक्ष अतुल यदुवंशी ने विषय पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रस्तुतिकरण के लिए हर संस्था अपना प्रेक्षगृह नहीं बना सकती। समाज के प्रत्येक कार्य के लिए एक जुटना बहुत ज़रूरी है। NCZCC प्रेक्षागृह के बढ़े हुए किराये पर प्रकाश डाला । प्रेक्षागृह की विभिन्न सामग्री पर लगने वाले अतिरिक्त किराये पर चर्चा की, साथ ही यह भी कहा कि कला और कलाकारों का संरक्षण, संवर्धन एवं प्रोत्साहन किसी भी समाज की सांस्कृतिक एकता और धरोहर को बनाए रखने में अत्यंत महत्वपूर्ण है। प्रयागराज अपनी समृद्ध विविधता और सांस्कृतिक अभिव्यक्तियों के लिए जाना जाता है, उसमें कलाओं और कलाकारों के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रोत्साहन की उत्कृष्ट नीतियाँ विशेष महत्व रखतीं हैं। प्रयागराज में उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र NCZCC के पास भारतीय कला और कलाकारों के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रोत्साहन में परिवर्तनकारी भूमिका निभाने का अनूठा अवसर है। उत्कृष्ट नीतियों को लागू करके NCZCC एक फल-फूलता सांस्कृतिक पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण कर सकता है। अपनी पहलों के माध्यम से, NCZCC सुनिश्चित कर सकता है कि भारतीय कला, विशेष रूप से लोक और पारंपरिक रूप, समकालीन संदर्भ में फलते-फूलते रहें। इस प्रकार, यह प्रयागराज की सांस्कृतिक धरोहर को आगामी पीढ़ियों के लिए सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है। अपने अध्यक्षीय भाषण में राकेश वर्मा ने कहा कि हम कलाकारों को एक जुट होकर अपनी बातों को कहना होगा। मुख्य वक्तव रखते हुए डॉ श्लेष गौतम ने कहा कि कलाकारों को अपनी बात रखना होगा। आज यह बहुत अच्छी बात है कि कलाकार जागरूक है। अपनी बात रखते हुए सुश्री रितिका अवस्थी ने कहा कलाकारों को अपनी बात स्वछन्द रूप से रखना होगा, समय आने पर हमें अपना विरोध दर्ज करना होगा। सुशील राय ने कहा कि कलाकारों को अपने प्रति सचेत रहना होगा। हमें सही दिशा में बढ़ना होगा। आज की विचार गोष्टी में अपनी बात रखने वाले अन्य वक्ता थे. कमलेश चंद्र यादव, अजय केशरी, अफजाल खान, ज़ुमर मुश्ताक, सोनाली चक्रवर्ती, पंकज गौर, सुश्री रितान्धरा मिश्रा, रमेश कुमार, गुलाब चंद्र मौर्या, ज्ञान चंद्र यादव, सुभोध सिंह, तेजेन्द्र सिंह, नाजिम अंसारी, उत्कर्ष मालवीय, वरुण कुमार, देशराज पटरिया, संजू साहू, कुंवर तेजभान सिंह, जतिन कुमार। गोष्टी का संचालन धीरज अग्रवाल ने किया।
Anveshi India Bureau