Tuesday, July 8, 2025
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High Court : सपा नेता इरफान सोलंकी की सजा के खिलाफ सुनवाई पूरी, अदालत ने सुरक्षित किया फैसला

दोनों पक्षों की ओर से तर्कों को सुनने के बाद शुक्रवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। अब इस पर कभी भी फैसला आ सकता है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता और न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह प्रथम की अदालत कर रही है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट में शुक्रवार को सीसामऊ विधानसभा से विधायक रहे इरफान सोलंकी के मामले की सुनवाई पूरी हो गई। बुधवार को इरफान सोलंकी के वकीलों ने अपना पक्ष रखा जबकि बृहस्पतिवार को सरकार की ओर से दलील पेश की गई। दोनों पक्षों की ओर से तर्कों को सुनने के बाद शुक्रवार को सुनवाई के बाद कोर्ट ने फैसला सुरक्षित कर लिया है। अब इस पर कभी भी फैसला आ सकता है। मामले की सुनवाई न्यायमूर्ति राजीव गुप्ता और न्यायमूर्ति सुरेंद्र सिंह प्रथम की अदालत कर रही है।

इरफान सोलंकी के वकीलों का तर्क

इरफान सोलंकी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल स्वरूप चतुर्वेदी, इमरान उल्ला व उपेंद्र उपाध्याय ने कोर्ट में कहा कि मुकदमा वादिनी नजीर फातिमा की ओर से विवेचक को दिए गए बयान, कलमबंद और कोर्ट ने दिए गए बयानों में विरोधाभास है। नजीर फातिमा ने गवाही और जिरह में स्वीकार किया कि झोपडी में आगजनी कब, कैसे लगी, व किसने लगाई उसे मालूम नहीं है। जब वह घटना स्थल पर पहुंची तब उसका घर जल रहा था। लिहाजा, मुकदमा वादिनी प्रत्यक्षदर्शी गवाह नहीं है। इरफान सोलंकी को राजनैतिक रंजिश के तहत फंसाया गया है।

सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता मनीष गोयल, सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता के एम नटराजन, शासकीय अधिवक्ता आशुतोष कुमार संड ने दलील पेश की। कहा कि फॉरेंसिक रिपोर्ट के मुताबिक झोपड़ी में आग पटाखे से नहीं बल्कि पेट्रोल और केरोसीन जैसे ज्वलनशील पदार्थ से लगाई गई थी। इरफान, रिजवान समेत सभी आरोपी मौके पर मौजूद थे।

गौरतलब है कि 8 नवंबर 2022 को सपा विधायक इरफान सोलंकी, उसके भाई रिजवान, इजरायल आटेवाला, मो. शरीफ, शौकत अली, अनूप यादव, महबूब आलम, शमशुद्दीन उर्फ चच्चा, एजाजुद्दीन उर्फ सबलू, मो. एजाज, मुरसलीन भोलू, शकील चिकना के खिलाफ नजीर फातिमा ने अपनी झोपड़ी में आगजनी करने का मुकदमा जाजमऊ थाने में दर्ज कराया था। जून 2024 में कानपुर की विशेष अदालत ने इरफान सोलंकी उनके भाई रिजवान, इजरायल आटेवाला, मो. शरीफ व शौकत अली को दोषी करार देते हुए सात साल की सजा सुनाई थी। इसके खिलाफ सभी दोषियों ने अपील दाखिल की है। जबकि राज्य सरकार ने इन्हें उम्रकैद दिए जाने की मांग की है।

यह है पूरा मामला

गौरतलब है कि जाजमऊ थाना क्षेत्र के डिफेंस कॉलोनी निवासी नजीर फातिमा की झोपड़ी में आग लगाने के मामले में कानपुर नगर की एमपी/एमएलए की विशेष अदालत ने इरफान , उसके भाई रिजवान समेत दस को सात साल कारावास की सजा सुनाई थी। सजा को रद्द करने की मांग के साथ इरफान और रिजवान ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। वहीं, प्रदेश सरकार ने सात साल की सजा की नाकाफी बताते हुए उम्रकैद की मांग की है।
Courtsy amarujala.com
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