बिहार के मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार से जुड़े एक कथित वायरल वीडियो को लेकर प्रयागराज जनपद के अधिवक्ताओं ने कड़ा विरोध दर्ज कराया है। अधिवक्ताओं ने महिला सम्मान, व्यक्तिगत स्वतंत्रता एवं संवैधानिक मूल्यों के उल्लंघन का आरोप लगाते हुए जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा।
ज्ञापन में कहा गया है कि सोशल मीडिया पर प्रसारित वीडियो में एक सरकारी कार्यक्रम के दौरान एक महिला चिकित्सक का हिजाब हटाने का आरोप सामने आया है। वीडियो के सामने आने के बाद देशभर में राजनीतिक, सामाजिक एवं विधिक स्तर पर प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं।
प्रयागराज के अधिवक्ताओं ने इस कथित घटना को महिला की गरिमा एवं व्यक्तिगत स्वतंत्रता से जुड़ा गंभीर विषय बताते हुए इसकी निंदा की। अधिवक्ताओं का कहना है कि किसी भी महिला की सहमति के बिना उसके पहनावे या धार्मिक पहचान में हस्तक्षेप करना संविधान के अनुच्छेद 14, 19 एवं 21 का उल्लंघन है।
अधिवक्ताओं ने स्पष्ट किया कि यह मामला केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि महिला सम्मान, लोकतांत्रिक आचरण और सार्वजनिक जीवन की मर्यादा से जुड़ा है। इसी के विरोध में प्रयागराज में अधिवक्ताओं एवं सामाजिक संगठनों द्वारा शांतिपूर्ण प्रदर्शन भी किया गया।
ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया कि भले ही सत्तापक्ष की ओर से वीडियो को संदर्भ से हटकर प्रस्तुत किए जाने की बात कही जा रही हो, लेकिन सत्य की पुष्टि एवं लोकतांत्रिक विश्वास बनाए रखने के लिए निष्पक्ष, स्वतंत्र और पारदर्शी जांच आवश्यक है।
अधिवक्ताओं ने प्रधानमंत्री से मांग की है कि पूरे प्रकरण की समयबद्ध जांच कराई जाए तथा यदि जांच में महिला की गरिमा के उल्लंघन की पुष्टि होती है तो दोषियों के विरुद्ध संवैधानिक व कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। साथ ही भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए सार्वजनिक पदों पर आसीन व्यक्तियों के लिए स्पष्ट आचार-संहिता जारी किए जाने की भी मांग की गई है।
Anveshi India Bureau



