इटावा सामूहिक हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है। पत्नी की सहमति से कारोबारी ने परिवार को मार डाला। पहले परिवार को खिलाई नींद की गोलियां, फिर रस्सी से गला कसकर मार डाला। पत्नी और तीन बच्चों की हत्या के बाद सराफ मरना चाहता था। पढ़ें हत्याकांड की पूरी कहानी
इटावा में परिवार की हत्या करने के बाद खुदकुशी करने जा रहे कारोबारी को बचा लिया गया। कारोबारी ने पूछताछ में कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं। उसने यह भी बताया कि इस हत्याकांड को अंजाम क्यों दिया गया?
सराफा कारोबारी ने सोमवार सुबह लगभग पांच बजे अपनी पत्नी, तीन बच्चों को नींद की गोलियां खिलाकर बेसुध किया। फिर एक-एक कर रस्सी से गला दबाकर चारों की हत्या कर दी। वह खुद भी ट्रेन से कटकर जान देने जा रहा था, लेकिन पुलिस ने उसे बचा लिया।
पूछताछ में आरोपी सराफा कारोबारी ने बताया कि पत्नी की सहमति पर ही उसने चारों की हत्या की। पुलिस ने कारोबारी के साले की तहरीर पर आरोपी के खिलाफ हत्या की रिपोर्ट दर्ज करके उसे जेल भेज दिया है।
पारिवारिक सदस्यों से लेनदेन का विवाद
कोतवाली क्षेत्र के मोहल्ला लालपुरा निवासी सराफा कारोबारी मुकेश वर्मा (51) ने पुलिस पूछताछ में सहमति से पूरे परिवार के जान देने की बात स्वीकार की है। बताया कि वह पारिवारिक कलह की वजह से दो साल से मानसिक तनाव में चल रहा था। कुछ पारिवारिक सदस्यों ने उससे 15 लाख रुपये हड़प लिए थे, साझे की जमीन को लेकर भी प्रताड़ित कर रहे थे। पारिवारिक सदस्यों से लेनदेन के विवाद में परेशान चल रहा था। इसे लेकर करवाचौथ से पहले पत्नी से मरने की बात कही थी। पत्नी ने समझाकर कहा था कि खुद अकेले क्यों मारोगे हम सब भी साथ मरेंगे। पत्नी के समझाने पर निर्णय बदल लिया था।
फोन पर स्टेट्स लगाया- ये सब खत्म हो गए
पत्नी-बच्चों की हत्या करने के बाद रात करीब 8:20 पर पत्नी के फोन पर स्टेट्स लगाया कि ये सब खत्म हो गए। इसके बाद सीओ सिटी के सीयूजी नंबर पर सुसाइड नोट और ये सब खत्म का संदेश भी भेजा। सुसाइड नोट में परिवार और खुद मरने की बात लिखी थी। स्टेशन के पास मरुधर एक्सप्रेस से कटने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने पकड़ लिया। आरोपी ने बताया कि 2004 में कैंसर पीड़ित पहली पत्नी नीतू को भी उसने नींद की गोलियां देकर मुक्ति दी थी।
पत्नी ने की फंदा लगाने की कोशिश
बच्चों की तकलीफ देखकर पत्नी ने फंदा लगाकर जान देने की कोशिश की, लेकिन बेसुध होने की वजह से वह फंदे पर नहीं झूल सकी। बच्चों की तकलीफ देख पत्नी के कहने पर सबसे पहले रस्सी से उसी का गला कसकर मार डाला।
बेसुध बच्चों के रस्सी से कसे गले
फिर भूतल पर ही भाव्या और अभीष्ट की भी रस्सी से गला कसकर हत्या कर दी। इसके बाद पहली मंजिल पर बने कमरे में सो रही काव्या को भी बेहोशी की हालत में मार डाला। चारों की हत्या करने के बाद वह करीब तीन घंटे तक बाथरूम में ही पड़ा रहा। इसके बाद लगभग नौ बजे दोनों कमरों में ताले डालकर बाहर चला गया।
बच्चों के सिर पर हाथ फेरकर कहा… अकेले छोड़कर नहीं जा सकता
मुकेश ने पूछताछ में पुलिस को बताया कि जब बच्चों को नींद की गोलियां दीं तो उन्होंने पूछा, पापा ये क्या कर रहे हो। इस पर मैंने सिर पर हाथ फेरते हुए कहा कि बेटा अकेला छोड़कर नहीं जा सकता। तुम्हें भी लेकर जा रहे हैं। मुझे कोई पछतावा नहीं।
पत्नी बोली मुझे पहले मार देना, बच्चों को तड़पता नहीं देख पाउंगी
दीपावली पर कारोबारी की पहली पत्नी की बेटी भाव्या (20) घर आई थी। वह दिल्ली विवि. से बीकॉम की पढ़ाई कर रही थी। पूरा परिवार साथ में ही था। रविवार को सराफ ने पत्नी से फिर मरने की इच्छा जताई तो उसने सबके साथ मरने की बात कही। कहा मुझे पहले मार देना। बच्चों को तड़पता नहीं देख पाउंगी। उसकी सहमति पर ही सोमवार सुबह लगभग पांच बजे पत्नी रेखा (40), भाव्या, काव्या (15) और अभीष्ट को पानी में नींद की गोलियां खिला दीं। । सभी के मुंह से झाग आने लगा और वह बेसुध होने लगे।
आरोपी ने पत्नी और बच्चों को सहमति से
नींद की गोलियां देने की बात कबूली है। वह स्वयं भी मरने के लिए गया था। आरोपी को जेल भेज दिया है।-संजय कुमार वर्मा, एसएसपी