Friday, October 18, 2024
spot_img
HomePrayagrajअखाड़ा परिषद : महाकुंभ से पहले संतों की शीर्ष संस्था में घमासान,...

अखाड़ा परिषद : महाकुंभ से पहले संतों की शीर्ष संस्था में घमासान, राम जन्मभूमि के ट्रस्टी ने पलटी मारी

महंत दिनेंद्र दास शुक्रवार को निरंजनी अखाड़े के महंत रवींद्र पुरी की अगुवाई वाली अखाड़ा परिषद को दिए समर्थन पत्र से मुकर गए। उनका कहना है कि रवींद्र पुरी और हरि गिरि के पक्ष में जारी किया गया समर्थन पत्र उनसे धोखे में लिखवाया गया था। उन्होंने उस समर्थन पत्र को निरस्त कर नए सिरे से निर्मोही अखाड़े के सचिव राजेंद्र दास के नेतृत्व में ही महाकुंभ कराने की घोषणा कर दी है।

महाकुंभ से पहले साधु-संतों की सबसे बड़ी संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद दोनों धड़ों में वर्चस्व को लेकर विवाद गहरा गया है। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य और अखिल भारतीय श्रीपंच रामानंदीय निर्मोही अखाड़े (अयोध्या बैठक) के महंत दिनेंद्र दास शुक्रवार को निरंजनी अखाड़े के महंत रवींद्र पुरी की अगुवाई वाली अखाड़ा परिषद को दिए समर्थन पत्र से मुकर गए।

उनका कहना है कि रवींद्र पुरी और हरि गिरि के पक्ष में जारी किया गया समर्थन पत्र उनसे धोखे में लिखवाया गया था। उन्होंने उस समर्थन पत्र को निरस्त कर नए सिरे से निर्मोही अखाड़े के सचिव राजेंद्र दास के नेतृत्व में ही महाकुंभ कराने की घोषणा कर दी है।

इससे अखाड़ा परिषद को लेकर स्थिति असहज हो गई है। अखिल भारतीय श्रीपंच रामानंदीय निर्मोही अखाड़े के महंत दिनेंद्र दास ने अखाड़ा परिषद को अपने अखाड़े की ओर से दिए समर्थन से पलटी मार दी है। महाकुंभ की तैयारी के लिए छह दिन पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ हुई अखाड़ा परिषद की बैठक के दौरान महंत रवींद्र पुरी (निरंजनी) और महंत हरि गिरि (जूना) के नेतृत्व में उन्होंने विश्वास व्यक्त किया था।

साथ इन दोनों संतों के नेतृत्व वाली अखाड़ा परिषद को ही सही ठहराते उसे अपना पूर्ण रूपेण समर्थन करने का एलान किया था। इतना ही नहीं महाकुंभ की बैठकों के लिए उन्होंने खुद अपना नाम भी प्रस्तावित किया था। लेकिन, छह दिन बाद ही उन्होंने दूसरा समर्थन पत्र जारी कर चौंका दिया है। शुक्रवार को जारी समर्थन पत्र में महंत दिनेंद्र दास ने कहा कि महंत राजेंद्र दास (जगन्नाथ मंदिर अहमदाबाद) अखिल भारतीय श्रीपंच निर्मोही अखाड़ा के अध्यक्ष और अखाड़ा परिषद के महामंत्री हैं।

महाकुंभ मेला महंत राजेंद्र दास की ही देखरेख में होगा। इनके नेतृत्व में ही महाकुंभ की बैठकों का निष्पादन और अन्य कार्य होंगे। मैं इनका पूर्ण समर्थन करता हूं और पूर्व में दिए गए समर्थन पत्र को निरस्त कर चुका हूं।

दिनेंद्र दास ने अमर उजाला को फोन पर बताया कि हनुमान गढ़ी के एक मेरे विश्वासपात्र बुजुर्ग संत को लेकर कुछ लोग मेरे पास आए थे और रवींद्र पुरी (निरंजनी) के समर्थन में पत्र लिखवा लिया था। बाद में जब पता चला तब मैंने उसे निरस्त कर दिया।

उधर, दिनेंद्र दास के समर्थन के बाद महंत राजेंद्र दास ने कहा कि निरंजनी अखाड़े के सचिव रवींद्र पुरी के नेतृत्व वाली अखाड़ा परिषद को फर्जी बताया। राजेंद्र दास का कहना है कि महंत रवींद्र पुरी (मनसा देवी मंदिर) व महंत हरि गिरि (जून अखाड़ा) जिसे अखाड़ा परिषद बता रहे हैं वह वास्तव में संन्यासी परिषद है।

नौ अखाड़े मेरे साथ : महंत रवींद्र पुरी

अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी ने महंत राजेंद्र दास के आरोपों को सिरे से खारिज किया है। महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि तेरह में से नौ अखाड़े उनके साथ हैं। अध्यक्ष वही होगा, जिसके साथ अखाड़े होंगे।

उन्होंने बताया कि पांच संन्यासी अखाड़े, दो उदासी , एक बैरागी और एक निर्मल अखाड़ा को मिलाकर कुल नौ अखाड़े उनके साथ हैं। ऐसे में राजेंद्र दास को अनर्गल बयानबाजी से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले रामजन्म भूमि ट्रस्ट के सदस्य दिनेंद्र दास ने उन्हें निर्मोही अखाड़े का भी समर्थन दिया था। लेकिन, अब अगर वह राजेंद्र दास को महाकुंभ के लिए नामित कर रहे हैं, तो इस पर उन्हें कोई आपत्ति नहीं है। महाकुंभ के लिए किसी न किसी सदस्य को नामित करने प्रत्येक अखाड़े का अंदरूनी मामला है।

संन्यासी, उदासी और बैरागी तीनों अखाड़े मेरे साथ हैं। अखाड़ा परिषद जिसे बताया जा रहा है, उसके प्रमुख दोनों पदों पर क्रमश: महंत रवींद्र पुरी और महंत हरि गिरि संन्यासी है, इसलिए वह अखाड़ा परिषद नहीं, संन्यासी परिषद है। उसे संन्यासी परिषद ही माना जाएगा। – महंत राजेंद्र दास

 

Courtsy amarujala.com

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments