Friday, October 18, 2024
spot_img
HomePrayagrajअखाड़े में घमासान : किन्नर अखाड़े में दो फाड़, महामंडलेश्वर भवानीनंद गिरि...

अखाड़े में घमासान : किन्नर अखाड़े में दो फाड़, महामंडलेश्वर भवानीनंद गिरि ने दिया इस्तीफा, बनाया किन्नर धाम

माघ मेले के दौरान शिविर में आग लगने को लेकर छिड़े विवाद की लपटें किन्नर अखाड़े में टूट-फूट का सबब बन गई हैं। किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने विवाद सुलझाने की कोशिश की लेकिन, मान-मनौव्वल बेकार चली गई। अखाड़े में घमासान तब तेज हो गया जब लक्ष्मीनारायण ने भवानीनंद गिरि के निष्कासन की घोषणा कर दी।

जूना अखाड़े से संबद्ध किन्नर अखाड़ा दो फाड़ हो गया है। अंदरूनी कलह की वजह से महामंडलेश्वर भवानीनंद गिरि ने सभी पदों से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने किन्नर अखाड़े अलग किन्नर धाम बना लिया है।उन्होंने किन्नर अखाड़े के नाम पर भूमि सुविधाएं लेने और शिविर लगाने से भी इन्कार कर दिया है। माघ मेले के दौरान शिविर में आग लगने को लेकर छिड़े विवाद की लपटें किन्नर अखाड़े में टूट-फूट का सबब बन गई हैं।

किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने विवाद सुलझाने की कोशिश की लेकिन, मान-मनौव्वल बेकार चली गई। अखाड़े में घमासान तब तेज हो गया जब लक्ष्मीनारायण ने भवानीनंद गिरि के निष्कासन की घोषणा कर दी। निष्कासन के बाद भवानीनंद गिरि ने इस्तीफा दे दिया।

इससे नाराज होकर भवानीनंद ने अलग राह बना ली। हरिद्वार में भवानीनंद गिरि उर्फ भवानी मां ने किन्नर अखाड़े से अलग किन्नर धाम बना लिया है। वह वहीं से ही सनातन धर्म के प्रचार के लिए काम कर रही हैं। उन्होंने किन्नर घाट का भी निर्माण कराया है। इसके अलावा किन्नरों के हितों की रक्षा के लिए अलग आश्रम भी बना लिया है। भवानीनंद गिरि ने बुधवार को अमर उजाला से बातचीत में अखाड़े में मची रार को सार्वजनिक किया। उनका कहना था कि अब वह कभी भी किन्नर अखाड़े में कदम नहीं रख सकतीं। उन्होंने सभी पदों से त्याग पत्र दे दिया है। वहां उनकी जान को खतरा है। इसलिए उन्होंने अलग किन्नर धाम बनाकर सनातन के प्रचार का निर्णय लिया है।

किन्नर अखाड़े से किसी को निष्कासित नहीं किया गया है। लेकिन, जो लोग अलग संस्था बनाकर काम कर रहे हैं उनके लिए कोई जोर-दबाव भी नहीं डाला जा सकता। हमारी कोशिश देश-दुनिया के किन्नरों को एकजुट कर उन्हें अखाड़े में गरिमा और सनातन के अनुरूप सम्मान दिलाने का है। – आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मीनारायण त्रिपाठी, किन्नर अखाड़ा

महाकुंभ में कदम नहीं रखूंगी

भवानीनंद गिरि ने बताया कि वह महाकुंभ में शिविर नहीं लगाएंगी। अब वह महाकुंभ में कदम नहीं रखेंगी। वहां मेरी जान को खतरा है। माघ मेले में मुझको जिंदा जलाकर मारने की कोशिश की गई थी। मैं जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरि की शिष्य हूं। मैं सनातन के लिए जूना अखाड़े के साथ मिलकर संन्यासियों के लिए आजीवन काम करती रहूंगी।

हरि गिरि से मिलीं किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर, जूना के साथ होगा शाही स्नान

किन्नर अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बुधवार को जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरि से मौज गिरि मंदिर में मुलाकात की। इस दौरान दोनों संतों ने महाकुंभ की तैयारियों पर विस्तार से चर्चा की। इस बार महाकुंभ में जूना अखाड़े केे साथ किन्नर अखाड़ा सबसे पहले शाही स्नान करेगा। इसी क्रम में छावनी प्रवेश यानी पेशवाई भी निकाली जाएगी। इसके लिए तैयारियां तेज हो गई हैं।

महंत हरि गिरि ने किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर के साथ बैठक के बाद कहा कि जूना अखाड़े के दरवाजे सबके लिए खुले हुए हैं। किन्नर अखाड़ा हमेशा से जूना के साथ रहा है। किन्नर अखाड़े को महाकुंभ में पर्याप्त भूमि-सुविधाएं मुहैया कराने के साथ ही शाही स्नान और पेशवाई पर भी चर्चा हुई है। किन्नर अखाड़े को पूर्व की भांति सम्मान दिया जाएगा।

Courtsy amarujala.com
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments