अल्पसंख्यक विद्यालय व मुस्लिम तन्ज़ीमों ने स्नानार्थियों के लिए खोले दिल के द्वार

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कुम्भ मेले के दौरान भगदड़ के बाद शहर यातायात व्यवस्था व प्रशासन असहाय हो गया और स्नानार्थियों खुले में एक सड़क से दुसरी सड़क नापते नापते थक गए और कहीं आश्रय नहीं मिला तो मस्जिद इमामबाड़े और अल्पसंख्यक विद्यालय के द्वारा लोगों के खोल दिए गए।चौक कोतवाली की जामा मस्जिद अल्पसंख्यक विद्यालय यादगारे हुसैनी इन्टर कॉलेज का गेट प्रबन्धक गौहर काज़मी ने अपनी स्वेच्छा से खोल दिया।लगभग पांच सौ श्रद्धालुओं के लिए रानी मन्डी मोहल्ले के लोग भी अपने घरों से चादर कम्बल लेकर श्रद्धालुओं की सेवा में लग गए वहीं कोई घर से चाय बना कर तो कोई बिस्किट आदि लेकर आवभगत में लगा रहा वहीं कालेज प्रबन्धक गौहर काज़मी, शिक्षक रज़ा अब्बास ज़ैदी समेत अन्य स्टाफ भी तीन दिनों से यादगारे हुसैनी इन्टर कालेज में शरण लिए श्रद्धालुओं के भोजन पानी के साथ अन्य व्यवस्थाओं को लगे रहे।वहीं मुस्लिम तन्ज़ीमों में शिया सुन्नी इत्तेहाद कमेटी के एडवोकेट किताब अली ,काशान सिद्दीकी ,सैय्यद मोहम्मद अस्करी,हसनी हुसैनी फाउण्डेशन के सद्र वज़ीर खान ,सपा नेता व समाजसेवी तारिक़ खान , पूर्व पार्षद निज़ाम उद्दीन ,हाजी ओवैसी हसन ,फुरकान हसन , अन्जुमन ग़ुन्चा ए क़ासिमिया के सेक्रेटरी मिर्ज़ा अज़ादार हुसैन आदि ने स्नानार्थियों के अकाल मौत पर शोक जताया वहीं बाद नमाज़ ए जुमा शोक सभा कर मृत आत्मा की शान्ति के लिए प्रार्थना भी की। समाजसेवी सैय्यद मोहम्मद अस्करी ने कहा जिस समुदाय को मेले में जाने रोके जाने की बात अब तक सुर्खियों में थी आज वहीं समुदाय ने भारतीयता और गंगा जमुनी तहज़ीब की मिसाल पेश कि चाहे कांग्रेस के नेता हसीब अहमद हों ,इरशाद उल्ला हों या एम आई एम के नेता अफसर महमूद सपा नेता महबूब उस्मानी या अन्य मुस्लिम तन्ज़ीमों के सदस्य सभी एकता की मिसाल बन कर सामने आए और बिना भेद भाव सभी के लिए खाने पीने कम्बल चादर और चाय बिस्किट का तोहफा भेंट कर अपने आप को सच्चा और देश भक्त मुस्लिम साबित करने में हर क़दम तत्पर देखे गए।

 

 

Anveshi India Bureau

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