Saturday, July 5, 2025
spot_img
HomeKumbhAmar Ujala Interview : गायिका कविता कृष्णमूर्ति ने कहा- महाकुंभ का न्योता...

Amar Ujala Interview : गायिका कविता कृष्णमूर्ति ने कहा- महाकुंभ का न्योता मिला तो लगा कि शिव जी ने सुन ली

कविता ने गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर गीतों के संगम ने भी डुबकी लगाई। कई भाषाओं ने मिलकर उनके संगीत को गढ़ा है। विदेशों में भारत की समेकित संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती हैं।

 

गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर गीतों के संगम ने भी डुबकी लगाई। कई भाषाओं ने मिलकर उनके संगीत को गढ़ा है। विदेशों में भारत की समेकित संस्कृति का प्रतिनिधित्व करती हैं। कहती हैं कि महाकुंभ में आना, भगवान शंकर की कृपा है। संगम में डुबकी लगाकर धन्य हो गई। कई भाषाओं में गाने वाली पदमश्री कविता कृष्णमूर्ति से जीवन के विभिन्न आयामों पर शशांक वर्मा की बातचीत।

 

कई भाषाओं में कैसे गा लेती हैं?

देखिए, मेरी परवरिश दिल्ली में हुई तो हिंदी बोल ही लेती थी। मेरी मातृभाषा तमिल है। कन्नड़, मलयालम, तेलगू भाषा तमिल के नजदीक हैं। इसलिए इन्हें भी समझना आसान हो गया। मां-बाप के अलावा मेरी परवरिश भट्टाचार्य ने की। श्रीमती भट्टाचार्य के हाथों पली-बढ़ी तो बंगाली बचपन से बोलने लगी। बंगाली से ही मिलती-जुलती उड़िया और असमी हैं। फिर मुंबई गई तो गुजराती, मराठी सुनते-सुनते वह भी अपनी हो गई। झंडू बाम, वाशिंग पाउडर निरमा जैसे जिंगल्स गाए। बस, इसी तरह विविध भाषाओं में गाने लगी।

 

भाषाओं की तो बोली-बानी अलग-अलग है। कैसे सामंजस्य बिठाती हैं।

बोली-बानी नहीं, शब्दों के भाव भी अलग-अलग होते हैं। लेकिन उस वक्त का लेखक बड़े अच्छे होते थे। एक-एक लाइन लिखकर समझाते थे। संगीत निर्देशक का संयोजन भी ऐसा ऐसा होता था कि शब्दों का अच्छे से संगम हो जाता था। मुझे सिर्फ पेश करना होता था। सीखते-सीखते सात-आठ सालों में आदस सी हो गई।

 

कोई ऐसा गाना, जो दिल के करीब हो।

1942 : ए लव स्टोरी का गीत दिल ने कहा चुपके से…, हम दिल दे चुके सनम का टाइटिल सॉन्ग अच्छा लगता है। ओम नम: शिवाय…गाना बहुत अच्छा लगता है। संत तुलसीदास में पं. रामनरायण जी का कॉम्पोजीशन था श्रीराम चंद्र कृपालु भज मन…, यह उनकी मौलिक धुन थी। इस तो मैं रोज गा सकती हूं।

 

अब आप पॉपुलर संगीत से कट गई हैं?

हां, मेरे दौर के लगभग सभी गायक अब कम गाते हैं। पीढ़ी बदल गई। सब बहुत अच्छा कर रहे हैं। श्रेया घोषाल, सुनिधि, सोनू जी कमाल के हैं। अब तो और नए बच्चे आ गए हैं। क्या गाते हैं, देखती रह जाती हूं। लेकिन उन्हें अच्छे अवसर मिलने चाहिए। उनके हिसाब से गाना मिले तो अच्छा है। अब देखिए आगे कौन आता है।

 

ऐसा गीत, जो समाज को व्यापक संदेश देता हो?

सभी गीत एक संदेश ही देते हैं। हर करम अपना करेंगे ऐ वतन तेरे लिए…। फिल्म कर्मा का यह गीत सिर्फ देशभक्ति पर आधारित नहीं है। इसमें ईमानदारी से अपना काम करने का स्ट्रॉन्ग मेसेज है। मेरा कर्मा तू, मेरा धर्मा तू…। पंक्ति प्रेरणादायक है। किसी और के लिए नहीं, हमें अपने प्रति ईमानदार होना चाहिए।

 

संगीत और राजनीति को कैसे परिभाषित करेंगी?

मैं कभी राजनीत की ओर नहीं झुकी फिर मुझे लगता है। संगीत राजनीत से अलग है। भारतीय संगीत अध्यात्म है। मंदिरों की पूजा से संगीत शुरू हुआ। यह बंधनों से मुक्त है, किसी तरह का भेदभाव नहीं करता। साथी हाथ बढ़ाना… गीत समाज की एकता का संदेश देता। पहले की फिल्मों में तमाम ऐसे गीत मिल जाएंगे, जो समाज और राजनीत को दिशा देने वाले हैं।

 

गायिकी के अलावा कोई शौक?

संगीत में ही दिन-रात गुजरता है। समय नहीं मिलता। मेरे तीन ग्रैंडसन हैं। कभी मौका लगता है तो उनके लिए कपड़े सिल देती हूं। हालांकि, बहुत अच्छा नहीं सिल पाती हूं। लेकिन अच्छा लगता है।

 

महाकुंभ का अनुभव ?

मैं महाकुंभ में पहले से ही आने के लिए सोच रही थी। लेकिन यहां किसी को बहुत जानती नहीं थी। पति से प्लान बनाती तो सोचती थी कि वहां कैसे होगा। फिर कार्यक्रम का न्योता आ गया तो लगा कि शिव जी ने मेरी सुन ली। संगन स्नान के बाद बहुत सुकून मिला।

 

Courtsyamarujala.com

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments