Tuesday, July 8, 2025
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Amba ji Mandir : जूना अखाड़े में संपत्ति को लेकर छिड़ा घमासान, महंत हरि गिरि-पूर्व सांसद महेश गिरि आमने-सामने

महंत तनसुख गिरि बापू 18 नवंबर की रात ब्रह्मलीन हो गए थे। इसके बाद मंदिर की गद्दी के स्वामित्व का विवाद खड़ा हो गया है। गुजरात के सिद्धपीठ अंबाजी मंदिर के महंत रहे स्वामी अंबाजी तनसुख गिरि के शिष्य महेश गिरि ने हरि गिरि पर मठ की संपत्ति पर कब्जा कराने का आरोप लगाया।

गिरनार (गुजरात) स्थित अंबाजी मंदिर के श्रीमहंत तनसुख गिरि बापू महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद गद्दी के स्वामित्व को लेकर जूना अखाड़े के संतों में घमासान मच गया है। मामले में भाजपा के पूर्व सांसद महेश गिरि बापू और जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरि आमने-सामने आ गए हैं। महंत महेश गिरि ने हरि गिरि को मठों-मंदिरों का सबसे बड़ा घोटालेबाज करार देते हुए उनकी जांच के लिए आवाज उठाई है।

इस विवाद के बीच अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद महंत हरि गिरि के बचाव में उतर आया है। परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि महेश गिरि बापू को अपनी हद में रहना चाहिए। अगर वह महंत हरि गिरि को धमकी देंगे या बदनाम करने की कोशिश करेंगे तो संत गुजरात कूच पर विचार करेंगे। महंत तनसुख गिरि बापू 18 नवंबर की रात ब्रह्मलीन हो गए थे। इसके बाद मंदिर की गद्दी के स्वामित्व का विवाद खड़ा हो गया है। गुजरात के सिद्धपीठ अंबाजी मंदिर के महंत रहे स्वामी अंबाजी तनसुख गिरि के शिष्य महेश गिरि ने हरि गिरि पर मठ की संपत्ति पर कब्जा कराने का आरोप लगाया।

महेश गिरि का कहना है कि उनके गुरु के ब्रह्मलीन होने के दूसरे दिन ही आनन-फानन महंत प्रेम गिरि की चादर विधि कर दी गई, जबकि धूल रोट तीसरे दिन करने का विधान है। दूसरे दिन ही धूल रोट कर संन्यास परंपरा के खिलाफ कार्य किया गया। महंत महेश गिरि का कहना है कि यदि चादर विधि करनी ही थी तो कम से कम षोडशी का तो इंतजार किया गया होता। अमूमन षोडशी के दिन ही उत्तराधिकारी की घोषणा या चादर विधि की जाती है।

महेश गिरि बापू का कहना है कि श्रीमहंत अंबाजी तनसुख गिरि महाराज उनके चोटी गुरु थे। उनके मठ पर यदि कोई दावा पेश नहीं करता है तो वह अपना दावा करेंगे। सरकार इस मामले की जांच कराए, जो सही हो उसी की चादर विधि होनी चाहिए। श्रीमहंत हरि गिरि महाराज पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि यदि केंद्र सरकार महंत हरि गिरि महाराज के कारनामों की जांच कराए तो वह देश के सबसे बड़े घोटालेबाज साबित होंगे। महंत हरि गिरि और महंत प्रेम गिरि की ओर से जो भी किया जा रहा है वह असांविधानिक है। नियम के खिलाफ कार्यों का विरोध किया जाएगा।

 

 

Courtsy amarujala.com

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