प्रयागराज। भारतीय जनता पार्टी सांस्कृतिक प्रकोष्ठ काशी क्षेत्र के तत्वाधान में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री श्रद्धा अटल बिहारी वाजपेई जी के 100वें जन्म दिवस की पूर्व संध्या पर अटल रत्न सम्मान एवं कवि सम्मेलन का आयोजन भारतीय जनता पार्टी ,महानगर ,कार्यालय सिविल लाइन में संपन्न हुआ।
उक्त अवसर पर प्रख्यात रचनाकार ओज के सशक्त हस्ताक्षर कानपुर से पधारे कवि मुकेश मानक को अटल रत्न सम्मान से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम प्रभारी कुश श्रीवास्तव एवं भारतीय जनता पार्टी जिला अध्यक्ष राजेंद्र मिश्रा तथा कार्यक्रम संयोजक सांस्कृतिक प्रकोष्ठ की सह संयोजक डॉ आभा मधुर श्रीवास्तव ने शॉल स्मृति चिन्ह भेंट कर उन्हें सम्मानित किया।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री डॉ नरेंद्र कुमार सिंह गौर उपस्थित रहे।
कार्यक्रम प्रभारी एवं भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता कुश श्रीवास्तव ने आए हुए अतिथियों का स्वागत और अभिनंदन करते हुए कहा कि अटल जी कुशल राजनेता के साथ-साथ बड़े रचनाकार भी थे । आज जरूरत है कि हम सब श्रद्धा अटल बिहारी वाजपेई जी के बताए हुए मार्ग पर चलकर भारत को विश्व गुरु बनाने में अपना अमूल्य योगदान दें।
जिला अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी राजेंद्र मिश्रा ने अध्यक्षता करते हुए कहा कि अटल जी त्याग तपस्या के प्रतिमूर्ति थे, उनका आशीर्वाद हम सब भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं को अनवरत मिलता रहा, उनके जीवन शैली और कार्य शैली से हम सबको प्रेरणा लेनी चाहिए।
प्रयागराज के महापौर उमेश चंद्र गणेश केसरवानी ने उक्त अवसर पर अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि अटल जी संत प्रवृत्ति के व्यक्ति थे, आज जरूरत है कि उनके बताए हुए मार्गों पर हम सब चले, ताकि भारत को विश्व गुरु बना सके।
कार्यक्रम संयोजक डॉ आभा मधुर श्रीवास्तव ने कहा कि श्रद्धा अटल बिहारी वाजपेई जी अजातशत्रु थे, उनके जीवन से बहुत कुछ सीखने को मिलता है , विशेष कर आज की वह पीढ़ी को उनके लिखे हुए साहित्य और उनकी रचनाधर्मिता से अपने को योग्य बनाने का कार्य करना चाहिए। वह भारतीय दर्शन के प्रतीक बनकर भारत को अग्रणी भूमिका में ले जाने मेंअग्रसर रहे।
तत्पश्चात कवि सम्मेलन का शुभारंभ वाणी वंदना के साथ हुआ, वाणी वंदना डॉ आभा माधुरी जी ने किया, साथ ही उन्होंने अपनी कविताओं से श्रद्धेय अटल बिहारी वाजपेई जी को नमन किया।
अटल जी तुम्हें नमन सौ बार, केवल तुम्हें मिला इस देश में,
जन गण मन का प्यार, अटल जी तुम्हें नमन सौ बार।
कानपुर से पधारे ओज के प्रखर हस्ताक्षर वरिष्ठ रचनाकार अटल रत्न से सम्मानित मुकेश मानक ने अपनी राष्ट्रीय पंक्तियों से श्रोताओं में जोश भर दिया। उन्होंने पढ़ा,
दूसरा सिक्का कभी
नभ मे उछाला ही नही
वोट था एक मगर
खौट तो पाला ही नही
हास्य कवि नजर इलाहाबादी ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं को भरपूर गुदगुदाया। उन्होंने पढ़ा
हम भी गए नहाने संगम क्या बतलाए आपसे,
पत्नी ने था ठेल दिया,
हम गए ना अपने आप से।
संतोष शुक्ला समर्थ ने अपनी रचनाओं से श्रोताओं में जोश भर डाला।
जन-जन के अरमान अटल जी।
जनमानस की जान अटल जी।
क्या दिल्ली गुजरात मराठा,
पूरा हिंदुस्तान अटल जी।।
युवा कवि जितेंद्र मिश्र जलज ने अपनी कविताओं से श्रोताओं आह्लादित कर डाला।
राणा ने क्यों युद्ध लड़े थे घास की रोटी खाई थी।
मां पद्मिनी ने क्यों जीते जी अपनी चिता सजाई थी।
हास्य कवि योगेश झमाझम ने अपनी कविताओं से श्रोताओं को भरपूर हंसाया।
मेल हो फीमेल कॉमन सेंस होना चाहिए, प्यार के चश्मे में लगा लेंस होना चाहिए।
संचालन कर रहे गीतकार शैलेंद्र मधुर ने अटल जी को समर्पित अपनी कविता पढ़ी तो श्रोतागण झूम उठे।
भाषा जिसकी थी बड़ी सरल,
जो निगल गया कई बार गरल, संकल्प था जिसका बहुत प्रबल विचलित न हुए कभी रहे अटल है सत्य अटल जी रहे अटल ।
धन्यवाद ज्ञापन कार्यक्रम प्रभारी कुश श्रीवास्तव जी ने किया।
कार्यक्रम में महानगर भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी गण मंडल अध्यक्षगण , मोर्चे एवं प्रकोष्ठ के पदाधिकारी सहित
रवि केशवानी,रमेश पासी, मुरारी लाल अग्रवाल, राजेश केसरवानी राजू पाठक, गिरिजेश मिश्रा,राजन शुक्ला, राकेश शुक्ला,अनामिका चौधरी,अनुज कुशवाहा,कुंज बिहारी मिश्र, सत्य शील सिन्हा,राजेश केशवानी, कुलदीप मिश्रा, दीप द्विवेदी,सरोज गुप्ता,मौजूद रहे।
Anveshi India Bureau