भागवत भगवत भागीरथी का अमृत रस है और आध्यात्मिक चेतना का महासागर (डॉ अनिरुद्ध जी महाराज)
श्री दिव्य अध्यात्म राष्ट्र सेवा मिशन एवं दिव्य श्री राधा सखी मंडल प्रयागराज के द्वारा आयोजित मुंशी राम प्रसाद की बगिया मुट्ठीगंज में श्री मद्भागवत कथा के प्रथम दिवस पर प्रखर राष्ट्र चिंतक डॉक्टर अनिरुद्ध जी महाराज वृंदावन ने कथा का व्याख्यान करते हुए कहा कि आज मनुष्य काम क्रोध मद के चक्र में इस प्रकार फसा है कि वह भगवान की भक्ति से दूर होता जा रहा है और आज वह जप तप दया दान भगवान की कथा से वंचित हो रहा है और यही कारण है कि आजवह दुनिया को सिर्फ भोजन प्राप्त करने की मशीन समझ बैठा है और दुनिया की व्यथा के सागर में डूब गया है और स्वयं का जीवन व्यर्थ कर लेता है
इसलिए मनुष्य अगर दुनिया की व्यथा से दूर होना चाहता है और अपने जीवन का परम लक्ष्य प्राप्त करना चाहता है और जन्म जन्मांतर से मुक्त होना चाहता है तो वह भगवान की भक्ति से जुड़े और श्रीमद् भागवत कथा का श्रवण करें क्योंकि भागवत भगवत भागीरथी का अमृत रस है जहां भक्ति ज्ञान का चिन्मयी प्रवाह है जिसका रसपान करने से मनुष्य मोक्ष प्राप्त कर लेता है और कहा श्रीमद् भागवत कथा स्वयं भगवान श्री कृष्ण है और भागवत आध्यात्मिक ज्ञान भक्ति एवं शक्ति का चेतना का महासागर है जो संसार के समस्त रोगों की दवा है और मनुष्य को तन मन के समस्त रोगों से मुक्त कर देता ।
कथा के पूर्व मंगल कलश यात्रा निकाली गई जो हटिया पुलिस बूथ, मुट्ठीगंज बड़ा चौराहा, मोतीगंज छोटा चौराहा सालिकगंज चौराहा से होते हुए कार्यक्रम स्थल मंत्री राम प्रसाद की बगिया नारायण वाटिका में संपन्न हुई।
आज कथा के मुख्य यजमान रजनी जायसवाल रही और मंगल कलश यात्रा के संयोजक शत्रुघ्न जायसवाल, एवं सचिन गुप्ता रहे।
इस अवसर पर कुमार नारायण, राजेश केसरवानी,प्यारे लाल जायसवाल, पूर्व पार्षद विजय वैश्य,अजय जायसवाल, उषा केसरवानी, साधना चतुर्वेदी, संतोष चौरसिया, कुसुम केसरवानी, प्रीति गुप्ता, आशा केसरवानी, किशन चंद्र जायसवाल,दिनेश चंद्र जायसवाल,कमलेश कुमार, नीरज केसरवानी, अशोक गुप्ता आदि सैकड़ो भक्तगण उपस्थित रहे।
Anveshi India Bureau