सभा के अध्यक्ष पदुम नारायण जायसवाल की अध्यक्षता में सेवा समिति विद्या मंदिर रामबाग प्रयागराज के मैदान में एच के जायसवाल सभा के शताब्दी वर्ष समारोह का भव्य आयोजन हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ भगवान कार्तिवीर्य राजराजेश्वर सहस्त्रार्जुन जी की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलित कर किया गया।
मुख्य अतिथि प्रदेश सरकार के मंत्री रविन्द्र जायसवाल ने कहा कि
“हमारा सौभाग्य है कि हमारा जन्म सनातन धर्म में हुआ, जो संस्कार और सेवा की शिक्षा देता है। हमें अपने समाज के बच्चों को संस्कार, शिक्षा और कौशल में आगे बढ़ाना है। बेटियों को केवल किचन तक सीमित न रखें, उन्हें आगे बढ़ाएं क्योंकि वे देश की बेटियां हैं। समाज और राष्ट्र की सेवा के लिए राजनीति में सक्रिय होना आवश्यक है। हमें आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होना होगा और समाज में विभाजन को समाप्त करना होगा।”

उन्होंने समाज को आगे बढ़ाने और समाजिक कुरीतियों को समाप्त करने पर बल दिया और कहा कि “हमारे मनीषियों ने समाज को समर्पित जीवन दिया, इसलिए हम पर भी जिम्मेदारी है कि समाज के लिए अच्छे कार्य करने वालों की चर्चा करें और उनके विचारों को अपनाकर समाज को आगे बढ़ाएं।”

इस अवसर पर सभा के अध्यक्ष पदुम जायसवाल ने मुख्य अतिथि मंत्री रविन्द्र जायसवाल, पूर्व सांसद रीता बहुगुणा जोशी, महापौर गणेश केसरवानी, विधायक हर्षवर्धन बाजपेई, और अखिल भारतीय जायसवाल सर्ववर्गीय महासभा के अध्यक्ष मदन लाल जायसवाल का स्वागत किया।
समारोह में मंत्री रविन्द्र जायसवाल के कर कमलों से सभा की शताब्दी वर्ष की पुस्तक का विमोचन किया गया। इसके साथ ही समाज की 48 सम्मानित विभूतियों को सम्मानित किया गया, जिनमें डॉक्टर, वकील, इंजीनियर, कलाकार और जनप्रतिनिधि शामिल थे।
सभा की महिला संगठन द्वारा सांस्कृतिक एवं डांडिया उत्सव का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का संचालन महामंत्री सुनील जायसवाल ने किया।
कार्यक्रम में सभा के कोषाध्यक्ष विजय कुमार जायसवाल, उपाध्यक्ष दिलीप कुमार जायसवाल, उप मंत्री जय प्रकाश जायसवाल, वरिष्ठ पार्षद किरन जायसवाल सहित हजारों समाजजन उपस्थित रहे।
Anveshi India Bureau



