चौड़ीकरण की जद में आए महापौर गणेश केसरवानी के घर पर भी लाल निशान की अनदेखी कर दी गई है। उनके भवन के सामने के हिस्से को न तोड़े जाने की वजह से नाली निर्माण वहां अब तक आरंभ नहीं हो सका है।
कीडगंज में पीडीए की सड़क चौड़ीकरण योजना भेदभाव की भेंट चढ़ गई है। थाने से पहले थोक तिरपाल कारोबारी ओंकार नाथ राजीव गुप्ता के मकान पर लगे लाल निशान को छोड़ दिया गया। चौड़ीकरण की जद में आए इनके तीन मंजिला भवन को तोड़े बिना पीडीए के अफसरों ने बैठकर नाली निर्माण शुरू करा दिया। इस तरह कई जगह लाल निशान की अनदेखी की गई।
चौड़ीकरण की जद में आए महापौर गणेश केसरवानी के घर पर भी लाल निशान की अनदेखी कर दी गई है। उनके भवन के सामने के हिस्से को न तोड़े जाने की वजह से नाली निर्माण वहां अब तक आरंभ नहीं हो सका है। हालांकि महापौर ने अपने घर को खाली करने के साथ ही पीछे की दीवारों को तोड़ने का काम शुरू करा दिया है, लेकिन जहां पीडीए ने भवन के आगे निशान लगाया है, उसे न तोड़े जाने को लेकर सवाल उठ रहे हैं।
महापौर से रविवार को जब इस बारे में पूछा गया, तब उनका कहना था कि कोई भी आकर देख सकता है, पिछले हिस्से से मकान को तोड़ने का काम शुरू करा दिया गया है। परिवार के सदस्यों को दूसरी जगह शिफ्ट कराकर भवन खाली कर दिया गया है। यह कोई मुद्दा नहीं है कि आगे से क्यों नहीं टूट रहा है। मकान टूट रहा है और प्रभावित हिस्सा टूट जाएगा। वैसे कीडगंज में सड़क चौड़ीकरण में मानकों की खुलकर अनदेखी की जा रही है। प्रभावशाली लोगों के आगे पीडीए बेवस नजर आ रहा है। कई जगह लोगों के प्रभाव में आकर नाली का एलाइनमेंट बदल दिया गया है, इससे जनता में आक्रोश है।
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