Tuesday, July 8, 2025
spot_img
HomePrayagrajChhath Puja 2024 : महिलाओं ने पानी में खड़े होकर अस्ताचल सूर्य...

Chhath Puja 2024 : महिलाओं ने पानी में खड़े होकर अस्ताचल सूर्य को दिया अर्घ्य, लगाया पकवानों का भोग

भगवान सूर्य और छठ माता से परिवार के सुख और समृद्धि की कामना के साथ पुत्र के दीर्घायु की प्रार्थना की। भगवान को विभिन्न प्रकार के पकवानों और फलो का भोग लगाया गया। छठ पूजा में 36 घंटे का उपवास रखना पड़ता है। इसके अलावा छठ पूजा में कई कठिन नियमों का पालन करना पड़ता है।

भगवान भास्कर की आराधना के महापर्व छठ पूजा के दूसरे तीसरे दिन व्रती महिलाओं ने गंगा और यमुना के घाटों पर पानी में खड़े होकर अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य दिया। भगवान सूर्य और छठ माता से परिवार के सुख और समृद्धि की कामना के साथ पुत्र के दीर्घायु की प्रार्थना की। भगवान को विभिन्न प्रकार के पकवानों और फलो का भोग लगाया गया। छठ पूजा में 36 घंटे का उपवास रखना पड़ता है। इसके अलावा छठ पूजा में कई कठिन नियमों का पालन करना पड़ता है।
Chhath Puja 2024: Women stood in water and offered Arghya to the setting sun

 डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का है विशेष महात्म्य

छठ पूजा में अस्ताचल यानी डूबते सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष महात्म्य है। इसके पीछे कई आध्यात्मिक पक्ष हैं। मान्यताओं के अनुसार अस्त होते समय भगवान सूर्य देव अपनी पत्नी प्रत्यूषा के साथ होते हैं। इस समय भगवान सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में आ रही सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से व्रती महिलाओं सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। ढलता सूर्य हमें बताता है कि हमें कभी भी हार नहीं मानना चाहिए, क्योंकि रात होने के बाद एक उम्मीद भरी सुबह भी जरूर आती है। डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा और शक्ति का संचार होता है। इतना ही नहीं व्यक्ति को सफल जीवन का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।

Chhath Puja 2024: Women stood in water and offered Arghya to the setting sun

छठ पूजा का है विशेष महत्व

छठ पूजा भगवान सूर्य और प्रकृति को समर्पित पर्व माना जाता है। छठ पूजा सामग्री में भी फल, सब्जियां और अन्य प्राकृतिक चीजें शामिल की जाती हैं। सूर्य देव के साथ छठी मैया की भी पूजा की जाती है। कहते हैं सूर्य देव की उपासना करने से सुख, समृद्धि, निरोगी शरीर की प्राप्ति होती है। वहीं छठी मैया की पूजा करने से संतान दीर्घायु होते हैं और उनके जीवन पर आया सभी संकट दूर हो जाता है।

Chhath Puja 2024: Women stood in water and offered Arghya to the setting sun

संगम तट पर उमड़ा आस्था का सैलाब

चार दिनी छठ महापर्व के तीसरे दिन सुबह से ही गंगा, यमुना के विभिन्न घाटों पर तैयारियां चलती रहीं। साफ-सफाई और सजावट के साथ ही श्रद्धालुओं के लिए घाटों पर पंडाल सहित विशेष इंतजाम किए गए हैं। खास ताैर पर संगम तट और बलुआ घाट, गऊ घाट, दरस्सी घाट, किला घाट, नागवासुकी मंदिर घाट, आड़ा घाट सहित अन्य स्थलों पर छठी मईया के पूजन की व्यवस्था की गई है।

Chhath Puja 2024: Women stood in water and offered Arghya to the setting sun

घाटों पर दोपहर दो बजे के बाद ही अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य देने के लिए श्रद्धालुओं का तांता लग गया। दूरदराज से लाखों की संख्या में छठ पूजा के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं ने गंगा और यमुना के तट पर घंटों खड़े होकर सूर्य देव की आराधना की। साथ ही डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद वापस लाैटे, जबकि बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने संगम और बलुआ घाटों पर डेरा डाले रखा।
Courtsy amarujala.com
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments