Thursday, November 21, 2024
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डाला छठ महापर्व : अस्ताचलगामी सूर्य को प्रथम अर्घ्य आज, कल उगते सूर्य को दिया जाएगा आखिरी अर्घ्य

त्रिवेणी तट के अलावा गंगा-यमुना के घाटों पर वेदियां सजाकर व्रतियों ने भगवान सूर्य का आह्वान किया। दीपदान के बाद खरना कर 36 घंटे का निर्जला व्रत धारण किया गया। बृहस्पतिवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य देने के लिए आस्था का जनसैलाब उमड़ेगा।

संतान की प्राप्ति, बेटी के लिए सुयोग्य वर, बेटे के लिए नौकरी, परिवार में समृद्धि और सबके आरोग्य की कामना के दीये बुधवार को संगम पर सूर्योपासना के लिए बनाई गई वेदियों पर जलाए गए। त्रिवेणी तट के अलावा गंगा-यमुना के घाटों पर वेदियां सजाकर व्रतियों ने भगवान सूर्य का आह्वान किया। दीपदान के बाद खरना कर 36 घंटे का निर्जला व्रत धारण किया गया। बृहस्पतिवार की शाम अस्ताचलगामी सूर्य को पहला अर्घ्य देने के लिए आस्था का जनसैलाब उमड़ेगा।

संगम के अलावा गंगा, यमुना के तटों पर सूर्योपासना के लिए बुधवार की शाम व्रतियों व उनके परिजनों का तांता लगा रहा। महिलाओं ने वेदियों पर हल्दी-चंदन के टीके लगाकर षष्ठी माता की आराधना के गीत गाए। दोपहर बाद से ही घाटों पर वेदियां बनाई जाती रहीं और दीप भी जलाए जाते रहे। वेदियों की पूजा कर भगवान सूर्य का व्रतियों ने आह्वान किया। इसके बाद घरों पर पहुंचकर खीर खाकर खरना किया।

Dala Chhath Mahaparva: First Arghya will be offered to the setting Sun today, tomorrow the last Arghya

खरना के साथ ही निर्जला व्रत की शुरुआत हुई । संगम पर बहू, बेटियों के साथ वेदी पूजन के लिए पहुंचीं कटरा की नंदिता तिवारी कहती हैं कि व्रत का यह उनका 19 वां वर्ष है। छठ मइया के आगे आंचल पसार कर जो भी मांगिए, वह पूरा हो जाता है। वह अपने भक्तों की अर्जी सुनती हैं।
Dala Chhath Mahaparva: First Arghya will be offered to the setting Sun today, tomorrow the last Arghya

वहीं, पास में ही मुंडेरा से आईं मनीषा दुबे भी परिवार के सदस्यों के साथ वेदी बनाकर दीप जलाती रहीं। वह कहती हैं कि छठ व्रत कष्टों से मुक्ति और खुशहाली पाने के लिए किया जाता है। उन्होंने पांच साल पहले पुत्र की कामना से इस व्रत को शुरू किया था। मां ने उनकी सुन ली। तभी से वह इस व्रत को करती आ रही हैं।
Dala Chhath Mahaparva: First Arghya will be offered to the setting Sun today, tomorrow the last Arghya

गन्ना- दउरा खरीदने के लिए बाजार में रही भीड़

षष्ठी व्रत पर बाजार में गन्ने के साथ ही दउरा की खरीद के लिए बुधवार की शाम भीड़ लगी रही। बृहस्पतिवार दोपहर बाद से ही बाजे-गाजे संग व्रतियों के परिजन पूजा सामग्री से भरा दउरा या सूप सिर पर उठाकर गंगा तटों पर पहुंचेंगे। वहां वेदियों पर अखंड दीप जलाकर गन्ने के मंडप सजाए जाएंगे।

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महिला शंकराचार्य स्वामी हेमानंद ने रखा छठ व्रत, अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य आज

नेपाल से आईं प्रथम महिला शंकराचार्य जगदगुरु स्वामी हेमानंद गिरि ने अपनी नेपाली शिष्याओं के समूह में खरना के साथ सूर्योपासना का डाला षष्ठी व्रत आरंभ किया। वह निर्जला व्रत रखकर बृहस्पतिवार की शाम राम घाट पर अस्ताचलगामी सूर्य कोअर्घ्य देंगी। स्वामी हेमानंद ने बताया कि छठ मइया के व्रत के बाद ही उनका जन्म हुआ था। नेपाल में बड़ी संख्या में महिलाएं संतान की कामना से डाला षष्ठी का व्रत रखकर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देती हैं।

Courtsy amarujala.com
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