Delhi Blast News: दिल्ली में लालकिले के पास सोमवार को हुए विस्फोट के मामले में गिरफ्तार संदिग्ध डॉ. शाहीन ने प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस किया है। 2002 में उसने पास आउट किया है। उसके शैक्षिक दस्तावेजों को खंगालने के लिए खुफिया विभाग की टीम बुधवार को मेडिकल कॉलेज पहुंची।
दिल्ली के लाल किले के पास हुए बम ब्लास्ट के मामले में गिरफ्तार डॉ. शाहीन के शैक्षिक दस्तावेजों को खंगालने के लिए खुफिया विभाग की टीम बुधवार को मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज पहुंची। टीम ने डॉ. शाहीन से जुड़े दस्तावेजों की पड़ताल की। इसको लेकर मेडिकल कॉलेज में खलबली मची रही। टीम गुपचुप तरीके से कॉलेज में पहुंची थी। इस बारे में कोई स्टाफ कुछ बोलने को तैयार नहीं है।
खुफिया सूत्रों के अनुसार डॉ. शाहीन ने 2002 में प्रथम श्रेणी में एमबीबीएस पास किया था। इसके बाद उसने एमडी की पढ़ाई के लिए पीजीआई लखनऊ में प्रयास किया था, लेकिन उसका एडमिशन नहीं हो सका। शुरुआत से ही शाहीन पढ़ाई में काफी होशियार थी। हाईस्कूल और इंटर की परीक्षा भी उसने अच्छे नंबरों से उत्तीर्ण की थी।
शाहीन के सहपाठियों से भी हो सकती है पूछताछ
जांच टीम डॉ. शाहीन के सहपाठियों से भी उसके बारे में पूछताछ कर सकती है। उसकी एक सहपाठी प्रयागराज में ही रहती है और खुद का पैथोलॉजी चलाती है। इसके अलावा कई और सहपाठी अलग-अलग शहरों में चिकित्सक हैं या खुद का अस्पताल चला रहे हैं। दिल्ली धमाके के मामले में गिरफ्तार संदिग्ध डॉ. शाहीन ने प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू राजकीय मेडिकल कॉलेज से एमबीबीएस की पढ़ाई की है। मेडिकल कॉलेज के सूत्रों के मुताबिक डॉ. शाहीन ने 1996 बैच में एमबीबीएस में दाखिला लिया था। एमबीबीएस की पढ़ाई और इंटर्नशिप 2002 में पूरी की थी। डॉ. शाहीन मेडिकल कॉलेज कैंपस के गर्ल्स हॉस्टल में ही रहती थी। सूत्रों के मुताबिक शुरुआत से ही उसका अपने साथियों से ज्यादा मेलजोल नहीं था।
एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद डॉ. शाहीन ने फार्माकोलॉजी में एमडी की डिग्री हासिल की थी। 2006-07 में यूपी लोक सेवा आयोग से डॉ.शाहीन का चयन कानपुर नगर के गणेश शंकर विद्यार्थी मेडिकल (जीएसवीएम) कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ था। 2009-10 में डॉ. शाहीन का तबादला कन्नौज मेडिकल कॉलेज हो गया। इसके बाद 2013 में दोबारा डॉ.शाहीन कानपुर मेडिकल कॉलेज लौट आई थी।
यहां दोबारा आने के बाद से ही उसकी गतिविधियां संदिग्ध हो गई थीं। वह कुछ देश विरोधी तत्वों के संपर्क में आ गई थी। इसके बाद लगातार नौकरी पर मौजूद न रहने के कारण 2021 में सरकार ने उसकी सेवाएं समाप्त कर दीं। सईद अहमद अंसारी की पुत्री डॉ. शाहीन लखनऊ की रहने वाली है। सईद अहमद की तीन संतानों में डॉ. शाहीन दूसरे नंबर पर है।



