कोरांव के संसारपुर निवासी रामरती के मुताबिक उनकी बेटी वंदना स्नातक और संजना इंटर की छात्रा थी। दोनों बहनों को पांच दिन से उल्टी-दस्त की शिकायत थी। रामरती का आरोप है कि गांव के ही एक झोलाछाप से दोनों को दिखाया गया। उसने दवा दी तो दोनों को आराम नहीं मिला।
कोरांव के संसारपुर में डायरिया से सगी बहनों वंदना (18) और संजना (16) की जान चली गई। गांव का ही झोलाछाप दोनों का इलाज कर रहा था। परिजनों का आरोप है कि झोलाछाप ने सीएचसी और जिला अस्पताल नहीं ले जाने दिया। बृहस्पतिवार रात हालत बिगड़ने पर वह भाग खड़ा हुआ तब 108 एंबुलेंस को सूचना दी गई। उसके पहुंचने के पहले ही आधे घंटे के अंतराल में दोनों बहनों की मौत हो चुकी थी। आशा कार्यकर्ता की सूचना पर सीएचसी कोरांव से स्वास्थ्य टीम गांव गई और डायरिया पीड़ित नौ लोगों का इलाज किया।
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