प्रयागराज। कौशाम्बी जनपद स्थित प्रसिद्ध ऐतिहासिक एवं पुरातात्विक पुरास्थलों घोसिताराम चैत्य-विहार, अशोक स्तम्भ क्षेत्र, श्येनचिति, राजप्रासाद का वर्णन ब्राह्मणग्रंथों, उपनिषदों के साथ-साथ रामायण तथा महाभारत में भी मिलता है। यह बातें डॉ हमीदिया गर्ल्स डिग्री कॉलेज के प्राचीन इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व, बी. वोक. प्रोग्राम और फ़ारसी विभाग की स्नातक कर रहीं छात्राओं से इतिहास एवं पुरातत्व विभाग की प्रो. डाॅ. नसरीन बेगम ने अपने नेतृत्व में कौशाम्बी शैक्षणिक भ्रमण के दौरान कहीं। उन्होंने पौराणिक कथाओं एवं इतिहास पर प्रकाश डालते हुए यह भी बताया कि कौशाम्बी की गणना बुद्ध कालीन छह प्रमुख नगरों में की गई है। बौद्ध परम्परा के अनुसार महात्मा बुद्ध यहां दो बार आये थे। इविवि के प्रोजीआर शर्मा ने यहां 1949 से 1965 तक अनवरत उत्खनन कार्य करवाया था। डा. नसरीन बेगम ने छात्र-छात्राओं को पुरातात्विक सर्वेक्षण, अंकन व उत्खनन की बारीकियां एवं डॉ. शबाना अज़ीज़ ने विरासत को पीढ़ियों तक सुरक्षित प्रकाश डाला।

काॅलेज के प्राचार्या प्रोफेसर नासेहा उस्मानी ने भारत के गौरवशाली इतिहास व संस्कृति को गहराई से समझने के लिए विद्यालयीय शिक्षा के अतिरिक्त इस तरह के शैक्षिक भ्रमण और प्रशिक्षण कार्यक्रम की आवश्यकताओं पर बल दिया।
Anveshi India Bureau



