प्रयागराज। गौ माता को “राष्ट्रमाता” घोषित करने की मांग अब एक व्यापक जनआंदोलन का रूप ले चुकी है। उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर, जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज के नेतृत्व में देशभर में यह अभियान तेज़ी से आगे बढ़ रहा है।
इस पवित्र उद्देश्य को लेकर 6 फरवरी 2024 को प्रयागराज के माघ मेले में “रामा-गौ संसद” का आयोजन किया गया था, जिसमें देशभर से पाँच लाख से अधिक सन्यासी शामिल हुए। इस संसद में 21 बिंदुओं पर धर्मादेश पारित किया गया, जिसमें शुद्ध देसी नस्ल की गौ माता के संरक्षण और उन्हें राष्ट्रमाता घोषित करने की मांग प्रमुख रही।
इसके बाद 2 से 6 अगस्त 2024 तक दिल्ली में “पंचदिवसीय गौ संसद” का आयोजन किया गया, जहाँ देश के सभी 543 लोकसभा क्षेत्रों से गौ-सांसद मनोनीत किए गए। इस आयोजन का उद्देश्य था—गौहत्या पर पूर्ण प्रतिबंध और गौ माता को अभय प्रदान करना।
प्रयागराज के कुंभ मेला क्षेत्र में भी 1100 वैदिक ब्राह्मणों द्वारा 364 यज्ञ कुंडों पर गौ प्रतिष्ठा महायज्ञ का आयोजन किया गया। इसके पश्चात 12 जनवरी 2025 से 13 फरवरी 2025 तक परम धर्म संसद का आयोजन सेक्टर 12 में हुआ। इसमें देशभर से आए संतों, महात्माओं, विचारकों ने मिलकर यह निर्णय लिया कि भारत की सभी राजनीतिक पार्टियों को गौ माता के संबंध में अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए—वे गौहत्या के पक्ष में हैं या विरोध में।
हालांकि दुर्भाग्यवश, किसी भी राजनीतिक दल ने इस संबंध में अपना स्पष्ट मत नहीं दिया। परिणामस्वरूप पूज्य गुरुदेव के निर्देश पर देशभर में 3 लाख से अधिक गौशालाएं स्थापित करने का संकल्प लिया गया।
इसी क्रम में प्रयागराज की दक्षिणी विधानसभा क्षेत्र स्थित अरैल घाट (ऋषि भारद्वाज आश्रम क्षेत्र) में देशी नस्ल की गायों के संरक्षण हेतु “रामाधाम गौशाला” का निर्माण पूर्ण कर लिया गया है। इस पावन प्रकल्प का भव्य उद्घाटन 7 जून 2025, शनिवार को स्वयं पूज्य शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती जी महाराज के कर-कमलों द्वारा किया जाएगा।
इस पुण्य कार्य में अंतरराष्ट्रीय हिंदू मंदिर जीर्णोद्धार समिति (ट्रस्ट) की अध्यक्षता में मनोनीत गौ-सांसद श्री धनंजय मिश्रा जी के नेतृत्व में श्रीमती पूजा कौशिक (पत्नी श्री भवानी शंकर कौशिक) ने अपनी ज़मीन समर्पित कर गौ सेवा में अपना योगदान दिया। उन्होंने स्वयं गायों की सेवा का संकल्प लिया।
Anveshi India Bureau