गणेश उत्सव के लिए मूर्ति स्थापना से एक दिन पहले शुक्रवार को भक्तों ने बप्पा की विभिन्न मुद्राओं वाली मूर्तियां खरीदीं। गजानन के स्वागत के लिए शहर में जगह-जगह पंड़ाल सजने लगे हैं। घरों में भी जोर-शोर से तैयारियां चल रहीं हैं। बाजार में इको फ्रेंडली मूर्तियों की धूम है। पिछली साल की तुलना में इस बार मूर्तियों के दाम में 20 फीसदी इजाफा हुआ है। शनिवार को घरों और तमाम पंडालों में बप्पा विराजेंगे।
इको फ्रेंडली मूर्तियां 10 मिनट में ही पानी में घुल जाती हैं। पर्यावरण को भी नुकसान न हो। मूर्ति कारोबारी सुरेश सोनकर ने बताया कि बप्पा की ईको फ्रेंडली मूर्तियां मुंबई और कोलकाता से मंगवाई जाती हैं, जो पर्यावरण को सुरक्षित रखती हैं और प्रदूषण नहीं फैलाती हैं। हालांकि इस तरह की मूर्तियां अब यहां भी कुछ कारीगर बना रहे हैं। बताया कि जिन लोगों ने मूर्तियां बुक करवाई है वह शनिवार सुबह से ही उसे लेने के लिए आने लगेंगे। कारोबारी दिनेश पटेल ने बताया कि 500 से लेकर 20 हजार तक की मूर्तियों की लोगों ने बुकिंग करवाई है। कुछ लोग पर्व के एक दिन पहले ही मूर्तियां लेकर अपने घर चले गए।