Monday, September 15, 2025
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Ganapati Puja : कहीं चार तो कहीं तीन फीट ऊंची गणेश प्रतिमा होगी स्थापित, पंडालों में आज विराजेंगे विनायक

गणेश उत्सव के लिए मूर्ति स्थापना से एक दिन पहले शुक्रवार को भक्तों ने बप्पा की विभिन्न मुद्राओं वाली मूर्तियां खरीदीं। गजानन के स्वागत के लिए शहर में जगह-जगह पंड़ाल सजने लगे हैं। घरों में भी जोर-शोर से तैयारियां चल रहीं हैं। बाजार में इको फ्रेंडली मूर्तियों की धूम है। पिछली साल की तुलना में इस बार मूर्तियों के दाम में 20 फीसदी इजाफा हुआ है। शनिवार को घरों और तमाम पंडालों में बप्पा विराजेंगे।

महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में गणपति उत्सव बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। जिले में इसका प्रचलन बीते कुछ वर्षों से देखने को मिल रहा है। शायद इसी वजह से हर वर्ष यहां गणपति की मूर्तियों की मांग बढ़ती ही जा रही है। बीते कई दिनों लोग विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय के बाहर, कर्नलगंज, कटरा, चौक आदि स्थानों पर मूर्तियों की बुकिंग करा रहे हैं। लेकिन इस बार गणपति बप्पा भक्तों के इको फ्रेंडली दोस्त बनेंगे। इसी वजह से इन मूर्तियों की मांग 50 फीसदी बढ़ गई है।

इको फ्रेंडली मूर्तियां 10 मिनट में ही पानी में घुल जाती हैं। पर्यावरण को भी नुकसान न हो। मूर्ति कारोबारी सुरेश सोनकर ने बताया कि बप्पा की ईको फ्रेंडली मूर्तियां मुंबई और कोलकाता से मंगवाई जाती हैं, जो पर्यावरण को सुरक्षित रखती हैं और प्रदूषण नहीं फैलाती हैं। हालांकि इस तरह की मूर्तियां अब यहां भी कुछ कारीगर बना रहे हैं। बताया कि जिन लोगों ने मूर्तियां बुक करवाई है वह शनिवार सुबह से ही उसे लेने के लिए आने लगेंगे। कारोबारी दिनेश पटेल ने बताया कि 500 से लेकर 20 हजार तक की मूर्तियों की लोगों ने बुकिंग करवाई है। कुछ लोग पर्व के एक दिन पहले ही मूर्तियां लेकर अपने घर चले गए।

बाजार में रामलला की छवि वाली गणेश प्रतिमाओं की बुकिंग इस बार खूब हुई है। भगवान गणेश की छोटी मूर्तियों की भी बड़ी संख्या में बुकिंग हुई है। इन मूर्तियों में किसी में बप्पा मोर पर सवार दिख रहें हैं तो किसी में नंदी के ऊपर सवार है। इसके अलावा पर्व के एक दिन पूर्व लोगों ने मोदक समेत भोग में लगने वाले अन्य सामानों की भी खरीदारी की।
गणेश चतुर्थी यानी शनिवार से भगवान विघ्न विनाशक गणेश की पूजा शुरू हो जाएगी। इसके लिए शहर और ग्रामीण अंचलों में जगह-जगह गणपति के स्वागत के लिए भव्य पंडाल तैयार किए गए हैं। पंडालों को आकर्षक विद्युत झालरों और फूल मालाओं से सजाया गया है। महाराष्ट्र लोक सेवक मंडल की ओर से साढ़े पांच फीट की गणेश प्रतिमा इस बार स्थापित की जा रही है। इसी तरह रामबाग में श्री गणेश पूजनोत्सव समिति नव युवक संघ मलाकराज में भव्य गणेश प्रतिमा विराजित की जाएगी।
शहर के ही दारागंज, ममफोर्डगंज, राजापुर, राजरूपपुर, कटरा, सिविल लाइंस, धूमनगंज, टैगोर टाउन, जार्जटाउन, मुट्टीगंज, कीडगंज, दारागंज आदि स्थानों पर मूर्ति की स्थापना की जाएगी। दस दिन के महोत्सव के बाद 17 सितंबर को मूर्तियों का विसर्जन किया जाएगा।

सबसे पहले की जाती है भगवान गणेश की पूजा

हिंदू धर्म में गणेश चतुर्थी के पर्व का विशेष महत्व है। भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि खास होती है, क्योंकि गणेश पुराण के अनुसार भगवान गणपति का जन्म भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि, चित्रा नक्षत्र और मध्याह्र काल में हुआ था। सनातन धर्म में भगवान गणेश की सबसे पहले पूजा की जाती है और हिंदू देवी-देवताओं में सबसे प्रसिद्ध और ज्यादा पूजे जाने वाले देवता हैं।

भगवान गणेश के कई नाम हैं जैसे गणपित, लंबोदर, विनायक, गजानन सुखकर्ता और विन्घहर्ता आदि । शास्त्रों में कहा गया है कि भगवान गणेश की पूजा और स्थापना के लिए मध्याह्र काल सबसे अच्छा होता है। देशभर में गणेश उत्सव का पर्व 10 दिनों तक चलेगा और अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश जी की मूर्ति को जल में विसर्जित करके विदाई दी जाएगी। इस वर्ष गणेश चतुर्थी पर बहुत ही अच्छा शुभ योग बन रहा है।

Courtsy amarujala.com
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