एनजीटी ने गंगा प्रदूषण पर सख्त रुख अख्तियार किया है। यूपी सरकार से पूछा है कि रोक के बावजूद गंगा के किनारे अवैध निर्माण कैसे हो रहे हैं। इस मामले में ट्रिब्यूनल ने यूपी सरकार से जवाब मांगा है।
नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने गंगा के किनारे हो रहे अवैध निर्माणों को लेकर नाराजगी जाहिर की है। साथ ही सरकार से छह हफ्ते में हलफनामा दाखिल कर यह बताने को कहा है कि उत्तर प्रदेश में गंगा के किनारे हाईकोर्ट की रोक के बावजूद अवैध निर्माण कैसे हो रहे हैं।
याची अधिवक्ता विजय चंद्र श्रीवास्तव और सुनीता शर्मा का कहना है कि प्रयागराज में हर साल बाढ़ का पानी घरों में घुसने और प्रदूषण की सबसे बड़ी वजह अवैध निर्माण है। हालांकि, नदियों के किनारे हो रहे अवैध निर्माण पर हाईकोर्ट ने रोक लगा रखी है। फिर भी सरकार उच्चतम बाढ़ बिंदु से पांच सौ मीटर तक दूर तक निर्माण नहीं रोक पा रही है। बिजनौर से बलिया तक हर साल पैदा होने वाली इस समस्या की रोकथाम और निगरानी का काम सेंट्रल वाटर कमीशन से कराया जाना चाहिए।
अवैध निर्माण रोकने के लिए बनाया जा रहा फ्लड जोन