Sunday, December 22, 2024
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गंगा-यमुना फिर उफान पर : पश्चिम की बारिश का असर, 24 घंटे में करीब तीन मीटर बढ़ा जलस्तर

पश्चिमी यूपी और पहाड़ पर हुई बारिश का असर संगम नगरी में दिख रहा है। यहां गंगा और यमुना का जलस्तर 24 घंटे में करीब तीन मीटर बढ़ गया है। इससे घाट पर बसे पंडे सामान समेटकर सुरक्षित स्थानों की ओर पहुंच गए। श्रद्धालुओं को गहरे पानी में जाने से रोका जा रहा है। जलस्तर बढ़ने से महाकुंभ की तैयारी भी प्रभावित हो रही है। तीन-चार दिनों से दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, पश्चिमी यूपी और उत्तराखंड में बारिश हो रही है। बारिश का पानी गंगा और यमुना के जरिये प्रयागराज पहुंचा तो नदियाें का जलस्तर अचानक बढ़ गया। इस साल गंगाजी ने दूसरी बार श्री बड़े हनुमान मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश किया।

सुबह आठ बजे नैनी में यमुना का जलस्तर 79.35 मीटर था, जो रात आठ बजे 1.93 मीटर बढ़कर 81.28 मीटर हो गया है। ऐसे ही छतनाग घाट पर सुबह आठ बजे गंगा का जलस्तर 78.10 मीटर था। रात आठ बजे वहां का जलस्तर 1.97 मीटर बढ़कर 80.07 मीटर हो गया है। इसके सापेक्ष फाफामऊ में 12 घंटे में 39 सेंटीमीटर ही बढ़ोतरी हुई है।
Ganga-Yamuna in spate again: Effect of western rain, water level rises by about Three meters in 12 hours
जलस्तर और तेज बढ़ने की संभावना

सिंचाई विभाग की टीम ने बताया कि यमुना की सहायक नदियों केन और बेतवा का जलस्तर तेजी से बढ़ा है। बढ़ते जलस्तर की लगातार निगरानी हो रही है। आने वाले दिनों में जलस्तर और बढ़ने की संभावना है।

शनिवार को सुबह आठ बजे फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 80.55 मीटर दर्ज किया गया। छतनाग में 81.19 मीटर रिकॉर्ड किया गया। इसी तरह यमुना के जलस्तर में भी तेजी से वृद्धि हो रही है। नैनी में यमुना का जलस्तर 82.67 मीटर दर्ज किया गया। प्रयागराज में गंगा के खतरे का चेतावनी बिंदु 84.73 मीटर है। फिलहाल दोनों नदियां खतरे के निशान से काफी नीचे बह रही हैं।

Ganga-Yamuna in spate again: Effect of western rain, water level rises by about Three meters in 12 hours
महाकुंभ के लिए जमीन के सर्वे का भी काम रुका

बार-बार गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ने से महाकुंभ की तैयारी पर असर पड़ रहा है। अगस्त के पहले हफ्ते में गंगा का जलस्तर तेजी से बढ़ा था। सात अगस्त को लेटे हनुमान मंदिर को गंगाजी ने स्नान करवा दिया था। हफ्ते भर बाद जलस्तर कम हुआ। इसके बाद मेला प्राधिकरण ने समतलीकरण का काम शुरू करने की तैयारी बना ली थी।

इसी बीच फिर से जलस्तर बढ़ गया। बार-बार जलस्तर बढ़ने से मेला प्राधिकरण की टीम टेंट सिटी बसाने, शिविर लगाने आदि के लिए जमीन के सर्वे का भी काम नहीं कर पा रही है। मेला अधिकारी विजय किरण आनंद ने बताया कि अस्थायी कार्यों के लिए तैयारी पूरी है लेकिन जलस्तर बढ़ने से टीम कुछ नहीं कर पा रही है।

Courtsy amarujala.com
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