याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाना क्षेत्र की एएसआई सर्वे कराने की मांग की गई है। पिछली सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष के वकील सौरभ तिवारी की दलील दी थी कि कथित वजूखाना की एएसआई सर्वे से ही विवादित स्थल के धार्मिक चरित्र का निर्धारण सुनिश्चित होगा।
इलाहाबाद हाईकोर्ट में बनारस स्थित ज्ञानवापी परिसर में कथित वजूखाने के ASI सर्वे की मांग वाली याचिका पर सोमवार को सुनवाई नहीं हो सकी। ज्ञानवापी से संबंधित मामले में न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल की कोर्ट लंच के बाद सुनवाई के लिए नहीं बैठी। सुनवाई की अगली तिथि 10 दिसंबर को दोपहर दो बजे नियत की गई है।
याचिका में ज्ञानवापी मस्जिद के वजूखाना क्षेत्र की एएसआई सर्वे कराने की मांग की गई है। पिछली सुनवाई के दौरान हिंदू पक्ष के वकील सौरभ तिवारी की दलील दी थी कि कथित वजूखाना की एएसआई सर्वे से ही विवादित स्थल के धार्मिक चरित्र का निर्धारण सुनिश्चित होगा। वहीं मुस्लिम पक्ष की दलील है कि सुप्रीम कोर्ट ने यथास्थित बनाए रखने का आदेश दिया है। इसपर हिंदू पक्ष की दलील है कि सुप्रीम कोर्ट ने सिर्फ शिवलिंग के सर्वे पर रोक लगाई है न कि पूरे वजूखाना की।
22 अक्तूबर को सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने हिंदू पक्ष से कहा था कि स्पष्ट करिए कि किस भाग का व कितने क्षेत्र का सर्वे चाहते हैं। इस पर हिंदू पक्ष ने ई फाइलिंग के माध्यम से महत्वपूर्ण तस्वीर, कागजात शपथपत्र के साथ न्यायालय में दाखिल किया। साथ ही सभी पक्षकारों को शपथपत्र की प्रति उपलब्ध कराई गई है।
Courtsy amarujala.com