बस्ती के ग्राम महरीपुर में रुधौली-घाघरा पुल बस्ती की तरफ राष्ट्रीय राजमार्ग 233 बनाया जा रहा है। इसमें कई किसानों की जमीन अधिग्रहीत की गई है। मुआवजा 25 मार्च 2022 को घोषित हुआ लेकिन आज तक एनएचएआई ने मुआवजा राशि सक्षम प्राधिकारी के खाते में स्थानांतरित किया है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि भूमि अधिग्रहण के मामलों में समय से मुआवजे का भुगतान न होने पर न्यायालयों में मुकदमों को बोझ बढ़ रहा है। न्यायालय ने समय से किसानों को मुआवजा न देने पर एनएचएआई (राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक से जवाब मांगा है। यह आदेश न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता व न्यायमूर्ति अनीश कुमार गुप्ता ने शिव पाल सिंह और 17 अन्य की याचिका पर दिया है।
बस्ती के ग्राम महरीपुर में रुधौली-घाघरा पुल बस्ती की तरफ राष्ट्रीय राजमार्ग 233 बनाया जा रहा है। इसमें कई किसानों की जमीन अधिग्रहीत की गई है। मुआवजा 25 मार्च 2022 को घोषित हुआ लेकिन आज तक एनएचएआई ने मुआवजा राशि सक्षम प्राधिकारी के खाते में स्थानांतरित किया है। ऐसे में अभी तक किसानों को मुआवजा नहीं मिला है। किसानों ने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर मुआवजे की मांग की।
एनएचएआई के वकील ने स्वीकार किया कि स्वीकृत मुआवजा राशि अभी तक सक्षम प्राधिकार को उपलब्ध नहीं कराई गयी है। इसके लिए उन्होंने कोर्ट से और समय देने की प्रार्थना की। न्यायालय ने न्यायालय ने कहा कि हलफनामा दाखिल कर एनएचएआई के अध्यक्ष बताएं मुआवजा निर्धारित होने के बाद अभी तक सक्षम प्राधिकारी को राशि हस्तांतरित क्यों नहीं की गई। मुआवजा राशि के भुगतान के लिए प्राधिकरण के क्या दिशानिर्देश हैं, समय सीमा क्या है आदि की जानकारी दें। सुनवाई के लिए 4 दिसंबर 2024 की तिथि नियत की है।
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