रविवार को इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन की 25वीं एएमए कॉन-2024 में हैदराबाद के एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी के चेयरमैन डॉ. नागेश्वर रेड्डी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया, छोटी आंत में एक उपकरण लगाने से पाचन क्रिया मध्यम हो जाती है और हार्मोन की मात्रा को नियंत्रण करती है।
मधुमेह से पीड़ित मरीजों के लिए राहत भरी खबर है। टाइप-2 डायबिटीज का इलाज इंडोस्कोपी विधि से किया जा सकता है। पिछले दो वर्षों से चल रहे रिसर्च के परिणाम सकारात्मक है। रविवार को इलाहाबाद मेडिकल एसोसिएशन की 25वीं एएमए कॉन-2024 में हैदराबाद के एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी के चेयरमैन डॉ. नागेश्वर रेड्डी ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया, छोटी आंत में एक उपकरण लगाने से पाचन क्रिया मध्यम हो जाती है और हार्मोन की मात्रा को नियंत्रण करती है। उनके मुताबिक, अभी तक जो परिणाम आए हैं वह सकारात्मक हैं।
सेमिनार में लगभग 450 चिकित्सक शामिल हुए। इस अवसर पर अध्यक्ष डॉ. कमल सिंह, सचिव डॉ. आशुतोष गुप्ता, डॉ. अनूप चौहान, डॉ. अशोक अग्रवाल, डॉ. शार्दूल सिंह, डॉ. आरकेएस चौहान, डॉ. अनिल शुक्ला, डॉ. राजेश मौर्या सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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