Sunday, December 22, 2024
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High Court : कोर्ट उठने तक हिरासत में लिए गए विशेष सचिव समाज कल्याण, हाईकोर्ट ने अवमानना में सुनाई सजा

यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने फतेहपुर की सहायक अध्यापिका सुमन देवी की अवमानना याचिका पर दिया। सुमन समाज कल्याण विभाग से संचालित डॉ.बीआर अंबेडकर शिक्षा सदन में सहायक अध्यापिका थीं और अप्रैल 2022 को अवकाश प्राप्त किया। बीच सत्र में सेवानिवृति होने के कारण इन्होंने नियमानुसार सत्र लाभ के लिए आवेदन किया। आवेदन स्वीकार नहीं करने पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने आदेश की अवमानना में विशेष सचिव समाज कल्याण रजनीश चंद्र को कोर्ट उठने तक हिरासत में रहने की सजा सुनाई। साथ ही उन पर दो हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। विशेष सचिव शाम चार बजे तक हिरासत में रहे। कोर्ट ने कहा कि चार जनवरी 2025 तक जुर्माने का भुगतान नहीं किया गया तो एक महीने की अतिरिक्त सजा सुनाई जाएगी।

यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने फतेहपुर की सहायक अध्यापिका सुमन देवी की अवमानना याचिका पर दिया। सुमन समाज कल्याण विभाग से संचालित डॉ.बीआर अंबेडकर शिक्षा सदन में सहायक अध्यापिका थीं और अप्रैल 2022 को अवकाश प्राप्त किया। बीच सत्र में सेवानिवृति होने के कारण इन्होंने नियमानुसार सत्र लाभ के लिए आवेदन किया। आवेदन स्वीकार नहीं करने पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।

याचिका लंबित रहने के दौरान ही विभाग ने इन्हें सत्र लाभ देते हुए विद्यालय में ज्वाइन करा दिया। याची ने 21 जनवरी 2023 को ज्वाइन कर लिया। लेकिन, इन्हें अप्रैल 2022 से 21 जनवरी 2023 तक के वेतन का भुगतान नहीं किया गया। इसके खिलाफ इन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की।

अधिवक्ता ने दलील दी कि विभागीय गलती से याची को ज्वाइन नहीं कराया। साथ ही काम नहीं तो वेतन नहीं का सिद्धांत मानकर भुगतान नहीं किया। कोर्ट ने याचिका मंजूर करते हुए याची को वेतन भुगतान करने का आदेश दिया। इस आदेश के बावजूद विशेष सचिव ने आदेश पारित कर कहा कि याची से काम नहीं लिया गया है। इसलिए वेतन नहीं दिया जा सकता है। इसके खिलाफ अवमानना याचिका दाखिल की गई।

 

न्यायालय ने इसे अदालत के आदेश की अवमानना मानते हुए विशेष सचिव रजनीश चंद्रा व फतेहपुर के जिला समाज कल्याण अधिकारी और जिला पिछड़ा वर्ग समाज कल्याण अधिकारी प्रसून राय को तलब किया। रजनीश चंद्र और प्रसून राय के खिलाफ अदालत ने अवमानना का केस चलाते हुए स्पष्टीकरण देने का निर्देश दिया। रजनीश चंद्र ने अपने हलफनामे में माफी मांगते हुए बताया कि कोर्ट के आदेश का पालन कर दिया गया है। कोर्ट स्पष्टीकरण से सहमत नहीं था। इसलिए रजनीश चंद्र को अदालत उठने तक हिरासत में रहने की सजा सुनाई है। जबकि, प्रसून राय को अवमानना के आरोप से बरी कर दिया है।

 

रजनीश चंद्र मूलरूप से लखीमपुर खीरी के रहने वाले हैं

 

रजनीश चंद्र स्टेट कोटे के आईएएस अफसर हैं। उन्हें 2021 में पीसीएस से आईएएस कैडर मिला। वे मूलरूप से लखीमपुर खीरी के रहने वाले हैं। रजनीश चंद्र पूर्व में अपर निदेशक समाज कल्याण विभाग के पद पर तैनात रहे हैं।

 

Courtsy amarujala.com

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