इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शस्त्र लाइसेंस से जुड़ीं अर्जियों के निस्तारण में लेटलतीफी पर कड़ी नाराजगी जताई है। कहा कि डीएम शासनादेश का सम्मान नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह से इन दिनों अदालतों में मुकदमों की बाढ़ आ रही है।
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शस्त्र लाइसेंस से जुड़ीं अर्जियों के निस्तारण में लेटलतीफी पर कड़ी नाराजगी जताई है। कहा कि डीएम शासनादेश का सम्मान नहीं कर रहे हैं। इसकी वजह से इन दिनों अदालतों में मुकदमों की बाढ़ आ रही है। इस तल्ख टिप्पणी संग न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया की अदालत ने अलीगढ़ के डीएम को याची देव प्रकाश की लंबित अर्जी को छह हफ्ते में निस्तारित करने का आदेश दिया है।
अधिवक्ता तनीषा जहांगीर मुनीर ने दलील दी कि याची ने तीन फरवरी 2025 को शस्त्र लाइसेंस के लिए आवेदन किया था। छह महीने बीतने के बाद भी डीएम ने अब तक कोई फैसला नहीं लिया। शासनादेश ने मुताबिक शस्त्र लाइसेंस से जुड़े आवेदनों को छह माह में निस्तारित करना अनिवार्य है। ऐसे में मजबूर होकर याची ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। कोर्ट ने निर्धारित समय के मुताबिक अर्जी छह हफ्ते में निस्तारित करें। यदि मामले का निस्तारण पहले ही हो चुका है तो याची को तत्काल सूचित करें।
कोर्ट की टिप्पणी
शस्त्र अधिनियम और नियमों में समयसीमा तय है लेकिन जिलाधिकारियों की ढिलाई की वजह से लोग कोर्ट की शरण लेने के लिए मजबूर हैं। शासन को 10 मार्च 2025 को शासनादेश जारी करना पड़ा पर हालात जस के तस हैं। – इलाहाबाद हाईकोर्ट