सुनवाई के दौरान रामजीलाल सुमन के अधिवक्ता इमरान उल्लाह ने अदालत में तर्क दिया कि राज्यसभा में सांसद रामजीलाल सुमन ने जो बयान दिया था उसको रिकॉर्ड से हटा दिया गया है। बावजूद इसके मीडिया उस बयान को कैसे चला रही है। रामजीलाल के अधिवक्ता ने यह भी कहा कि खुलेआम अलग संगठनों द्वारा रामजीलाल सुमन को धमकियां दी जा रही हैं, लेकिन उस पर कोई कार्रवाई न होना यह साबित करता है कि संगठनों को राज्य सरकार का संरक्षण प्राप्त है। दलील दी गई कि रामजीला सुमन पर लगातार हमले हो रहे हैं। हमें आशंका है कि सांसद की हत्या भी हो सकती है। आगे कहा कि सोशल मीडिया पर वायरल है कि रामजीलाल की जुबान काटने के लिए एक करोड़ रुपये की सुपारी दी गई है।
सांसद के घर पर 100 लोगों से ज्यादा लोगों ने पहुंचकर हमला किया और बुलडोजर लेकर पहुंचे थे। इस मामले में एक सौ से अधिक लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। इससे पता चलता है कि यूपी में कानून और व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है। कहा कि हम राज्य सरकार के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन रामजीलाल की सुरक्षा सुनिश्चित की जानी चाहिए। राज्य सरकार के अधिवक्ता ने दलील दी कि रामजीलाल को दोहरी सुरक्षा प्रदान की गई है।
बता दें कि करणी सेना से विवाद के बाद सुरक्षा की मांग लेकर सपा के राज्यसभा सांसद रामजीलाल सुमन इलाहाबाद हाईकोर्ट पहुंचे हैं। सांसद रामजी लाल सुमन की याचिका पर सुनवाई टल गई थी। गलत कोर्ट में मामला सूचीबद्ध होने के कारण सुनवाई टल गई थी। समाजवादी पाटी के राज्यसभा सांसद रामजी लाल सुमन और उनके बेटे पूर्व विधायक रणधीर सुमन ने इलाहाबाद हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर सुरक्षा की गुहार लगाई है। साथ ही उन्होंने आवास पर करणी सेना के कथित हमले के आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई और निष्पक्ष जांच करने की मांग की है।