ममतामई आंचल की गुहार लगाती नाबालिग बेटी को सौतेली मां पांच हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता देने के लिए तैयार हो गई है। हालांकि, मौजूदा मामले से चिंतित इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि दुख की बात है कि एक नाबालिग बेटी को मां के खिलाफ ही अदालत की शरण लेनी पड़ रही है।
ममतामई आंचल की गुहार लगाती नाबालिग बेटी को सौतेली मां पांच हजार रुपये प्रतिमाह गुजारा भत्ता देने के लिए तैयार हो गई है। हालांकि, मौजूदा मामले से चिंतित इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा कि दुख की बात है कि एक नाबालिग बेटी को मां के खिलाफ ही अदालत की शरण लेनी पड़ रही है। ऐसा लगता है समाज में नैतिक मूल्यों में गिरावट इस कदर आ गई है कि रिश्ते खोखले होते जा रहे हैं।
इस टिप्पणी संग न्यायमूर्ति मंजू रानी चौहान की अदालत ने नगर आयुक्त प्रयागराज से 20 नवंबर तक नाबालिग को मुहैया कराई गई सुविधाओं की जानकारी हलफनामे पर तलब की है। इससे पहले कोर्ट ने नगर आयुक्त साईं तेजा को तलब कर विस्तृत जानकारी मांगी थी। कोर्ट में पेश होकर उन्होंने बताया कि सौतेली मां ने शपथपत्र देकर कहा है कि वह बच्ची के भरण-पोषण के लिए 5,000 प्रतिमाह देने के लिए तैयार है।
याची के पिता नगर निगम प्रयागराज में कार्यरत थे। 2009 में पहली पत्नी की मृत्यु के बाद उन्होंने दूसरी शादी की। सेवा के दौरान चार जून 2023 को पिता की मृत्यु हो गई। इसके बाद सौतेली मां को मृतक आश्रित कोटे में नौकरी मिल गई। याची का आरोप है कि नियुक्ति देते वक्त उसकी सुरक्षा, भरण-पोषण और भविष्य को लेकर कोई ध्यान नहीं दिया गया। वर्तमान में वह अपने मामा के पास रह रही है। लिहाजा उसे मां से गुजारा भत्ता व भविष्य की सुरक्षा की जरूरत है।
जब सरकार बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ जैसी योजनाएं चला रही है, तब हर नागरिक का भी दायित्व है कि अनाथ और पीड़ित बालिकाओं की मदद के लिए आगे आए। – इलाहाबाद हाईकोर्ट
अदालत ने नगर आयुक्त को सराहा
सुनवाई के दौरान नगर आयुक्त साईं तेजा ने भरोसा दिलाया कि भविष्य में मृतक आश्रित नियुक्तियों में पूरी सतर्कता और पारदर्शिता बरती जाएगी। कोर्ट ने उनके स्पष्ट, संवेदनशील रुख की सराहना की और अगली तारीख पर उनकी उपस्थिति को माफ कर दिया।