Tuesday, July 8, 2025
spot_img
HomePrayagrajहाईकोर्ट की टिप्पणी: 'महिला का नाड़ा तोड़ना... सिर्फ इतने तथ्य से दुष्कर्म...

हाईकोर्ट की टिप्पणी: ‘महिला का नाड़ा तोड़ना… सिर्फ इतने तथ्य से दुष्कर्म के प्रयास का नहीं बनता मामला’

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में कहा है कि पीड़ितो को छूने या उसके कपड़े उतारने को दुष्कर्म का प्रयास नहीं कहा जा सकता है। हाईकोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की ओर से आरोपियों के खिलाफ जारी सम्मन को रद्द कर दिया है।

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि पीड़िता को छूने या कपड़े उतारने की कोशिश को दुष्कर्म का प्रयास नहीं माना जा सकता। इस टिप्पणी के साथ न्यायमूर्ति राम मनोहर नारायण मिश्रा की कोर्ट ने कासगंज के आरोपियों के खिलाफ ट्रायल कोर्ट से जारी सम्मन को रद्द कर दिया। कोर्ट ने यौन हमले की धाराओं के तहत पुन: आदेश पारित करने का आदेश दिया है।

याची के अधिवक्ता ने आरोपियों को झूठा फंसाने की दलील दी। कहा कि दुष्कर्म के प्रयास की धाराओं में सम्मन जारी किया गया है, जबकि यह आरोपों के अनुरूप नहीं है। सम्मन जारी करते वक्त ट्रायल कोर्ट ने न्यायिक विवेक का प्रयोग नहीं किया। हाईकोर्ट ने आंशिक अपील स्वीकार करते हुए कहा कि अभियुक्तों ने पीड़िता की छाती को पकड़ लिया, नाड़ा तोड़ दिया और पुलिया के नीचे खींचने की कोशिश की, कुछ लोगों के हस्तक्षेप पर वे भाग गए… सिर्फ इतने तथ्य से दुष्कर्म के प्रयास का मामला नहीं बनता।

 

यहां का है मामला

 

मामला कासगंज के पटियाली थाना क्षेत्र का है। चार साल पहले पीड़िता की मां ने 12 जनवरी 2022 को ट्रायल कोर्ट में शिकायत दर्ज कराई थी। आरोप लगाया कि 10 नवंबर 2021 को वह अपनी 14 साल की बेटी के साथ पटियाली में देवरानी के घर गई थी। उसी दिन शाम को लौटते वक्त गांव के ही पवन, आकाश और अशोक मिल गए। पवन ने बेटी को अपनी बाइक पर बैठाकर घर छोड़ने की बात कही। मां ने उस पर भरोसा करते हुए बाइक पर बैठा दिया। रास्ते में पवन और आकाश ने लड़की को पकड़ लिया और उसके कपड़े उतारने का प्रयास करते हुए पुलिया के नीचे खींचने लगे।

मां न दर्ज कराई थी शिकायत

 

लड़की की चीख सुनकर ट्रैक्टर से गुजर रहे लोग मौके पर पहुंचे, जिन्हें तमंचा दिखाकर आरोपी धमकी देते हुए फरार हो गए। शिकायत करने आई पीड़िता की मां को भी आरोपी पवन ने गाली-गलौज करते हुए धमकाया। पुलिस के केस नहीं लिखने पर मां ने ट्रायल कोर्ट में अर्जी दी। ट्रायल कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ सम्मन आदेश जारी किया, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई।

 

Courtsy amarujala.

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments