Monday, November 24, 2025
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भारतीय रेलवे ने वित्त वर्ष 2025–26 में 1 अरब टन माल ढुलाई का आंकड़ा पार किया

भारतीय रेलवे ने माल ढुलाई क्षेत्र में एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए वित्त वर्ष 2025–26 में 1 अरब टन (1 बिलियन टन) लदान का महत्वपूर्ण आंकड़ा पार कर लिया है। 19 नवंबर तक कुल माल लदान 1020 मिलियन टन (MT) तक पहुँच गया, जो भारत की बढ़ती आर्थिक गतिविधियों और रेलवे की उन्नत परिचालन दक्षता का प्रमाण है।

रेलवे की यह उपलब्धि कोयला, लौह अयस्क, सीमेंट और कंटेनर ट्रैफिक जैसे प्रमुख क्षेत्रों से मजबूत समर्थन के कारण संभव हुई है। कोयला 505 MT के साथ सबसे बड़ा योगदानकर्ता बना रहा, जबकि अन्य प्रमुख वस्तुओं में लौह अयस्क 115 MT, सीमेंट 92 MT, कंटेनर 59 MT, कच्चा लोहा व तैयार इस्पात 47 MT, उर्वरक 42 MT, खनिज तेल 32 MT, खाद्यान्न 30 MT, तथा स्टील प्लांटों हेतु कच्चा माल लगभग 20 MT शामिल हैं। इसके अलावा अन्य विविध वस्तुओं का लदान 74 MT रहा।

दैनिक माल ढुलाई 4.4 मिलियन टन पर स्थिर बनी हुई है, जो पिछले वर्ष के 4.2 मिलियन टन से अधिक है। यह वृद्धि रेलवे की बेहतर दक्षता, उन्नत लॉजिस्टिक्स क्षमताओं और उद्योग जगत की निरंतर मांग को दर्शाती है। अप्रैल–अक्टूबर 2025 के बीच माल लदान 935.1 MT रहा, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह 906.9 MT था — जो वर्ष-दर-वर्ष स्पष्ट वृद्धि को दर्शाता है।

सीमेंट क्षेत्र के महत्व को ध्यान में रखते हुए भारतीय रेलवे ने हाल ही में कई महत्वपूर्ण सुधार लागू किए हैं। इनमें बल्क सीमेंट टर्मिनलों के लिए नई नीति तथा कंटेनर के माध्यम से बल्क सीमेंट परिवहन हेतु तर्कसंगत दरें शामिल हैं। इन पहलों का उद्देश्य सीमेंट परिवहन का आधुनिकीकरण, पारगमन समय में कमी, रसद लागत घटाना तथा बल्क हैंडलिंग क्षमता को बढ़ाना है, जिससे उद्योग और उपभोक्ता दोनों को प्रत्यक्ष लाभ मिलेगा।

रेल आधारित माल ढुलाई न केवल लागत-कुशल है, बल्कि पर्यावरणीय दृष्टि से भी अत्यंत लाभकारी है। बल्क कार्गो को रेल पर स्थानांतरित करने से कार्बन उत्सर्जन कम होता है, राजमार्गों पर भीड़भाड़ घटती है, और उद्योगों—विशेषकर MSMEs—को हरित, टिकाऊ लॉजिस्टिक्स विकल्प मिलते हैं। यह उपलब्धि भारत के नेट-जीरो उत्सर्जन लक्ष्य और सतत विकास के विज़न के अनुरूप है।

भारतीय रेलवे की यह प्रगति देश के औद्योगिक विस्तार, आर्थिक विकास और हरित भविष्य के लिए एक सशक्त आधार तैयार करती है। उन्नत अवसंरचना, नीतिगत सुधार और बेहतर सेवा क्षमताओं के साथ भारतीय रेलवे राष्ट्र की आर्थिक रीढ़ को और मजबूत करने की दिशा में अग्रसर है।

Anveshi India Bureau

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