एक क्लस्टर बम असल में सैकड़ों छोटे-छोटे बमों का संग्रह होता है। जब इन बमों को दागा जाता है तब ये बीच रास्ते में फट कर बहुत बड़े इलाके को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे टारगेट के आसपास भी भारी नुकसान पहुंचता है।
इस्राइल और ईरान के बीच संघर्ष अब अपने आठवें दिन में पहुंच चुका है। दोनों ही तरफ से एक-दूसरे पर जबरदस्त हमले जारी हैं। जहां इस्राइली सेना ने ईरान में गुरुवार देर रात से लेकर शुक्रवार अल-सुबह तक परमाणु हथियार के विकास कार्यक्रमों से जुड़े ठिकानों पर हमले बोले। वहीं, ईरान ने एक के बाद एक मिसाइलों से हमला कर इस्राइल के प्रमुख शहरों- तेल अवीव और यरुशलम को निशाना बनाया। इस बीच इस्राइल ने आरोप लगाया है कि ईरान ने मिसाइलों के हमले के दौरान उस पर क्लस्टर बम भी दागे हैं। इस्राइल का कहना है कि ईरान ने ऐसा आम लोगों को नुकसान पहुंचाने के इरादे से किया। अगर इस्राइल का यह आरोप सही है तो सात दिन के संघर्ष में यह पहली बार होगा, जब क्लस्टर म्यूनिशन का इस्तेमाल किया गया है।
इस युद्ध सामग्री को लेकर दुनियाभर में विवाद है। 2008 में एक संधि के तहत इस तरह के हथियारों के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया। ऐसे में यह जानना अहम है कि आखिर क्लस्टर बम होता क्या है? यह बम कितना खतरनाक होता है? इसे लेकर विवाद क्यों है? उनका इस्तेमाल कब और कहां किया जा चुका है? किस हालिया जंग में इसके इस्तेमाल की खबरें आई थीं? आइए जानते हैं…
क्लस्टर बम क्या है?
एक क्लस्टर बम असल में सैकड़ों छोटे-छोटे बमों का संग्रह होता है। जब इन बमों को दागा जाता है तब ये बीच रास्ते में फट कर बहुत बड़े इलाके को नुकसान पहुंचाते हैं। इससे टारगेट के आसपास भी भारी नुकसान पहुंचता है। इसका इस्तेमाल अधिकतर इन्फेंट्री यूनिट या दुश्मन देश की सेना के जमावड़े को नुकसान पहुंचाने के लिए किया जाता है। रेड क्रॉस की अंतरराष्ट्रीय समिति (आईसीआरसी) के अनुसार, इन्हें विमानों, तोपखाने और मिसाइलों द्वारा दागा जा सकता है। क्लस्टर बमों को हवा और जमीन दोनों जगहों से दागा जा सकता है।
Courtsy amarujala