प्रयागराज। संगीत नाटक अकादमी, नई दिल्ली के सहयोग से एवं संस्था “द थर्ड बेल रेपर्टरी” द्वारा प्रस्तुत नाटक ” जामुन का पेड़ ” का नाट्य मंचन आनंद लॉज थियोसोफिकल सोसाइटी 27, लाउदर रोड, बालसन चौराहे के पास ,प्रयागराज के प्रेक्षागृह मंचित किया गया । ये नाटक कृशन चंदर की प्रसिद्ध कहानी ‘जामुन का पेड़’ पर आधारित है तथा इस नाटक के निर्देशक वरिष्ठ रंगकर्मी जतिन कुमार हैं एवं मार्गदर्शन वरिष्ठ रंग निर्देशक आलोक नायर का रहा। नाटक की अवधि लगभग 1 घंटे 15 मिनट है। ‘जामुन का पेड़’ कृशन चंदर की एक प्रसिद्ध हास्य व्यंग्य कथा है।कहानी सरकारी दफ्तरों की लंबी और विवेक हीन कार्य प्रणाली की ओर बड़े ही व्यंग्यात्मक तरीक़े से प्रहार क़रतीं है । एक जामुन का पेड़ आंधी में गिर जाता है और उसकी चपेट में एक कवि आ जाता है.. प्रशासन तक ख़बर पहुंचती है..इसके बाद प्रशासन जुट जाता है कि कैसे इस ‘जामुन के पेड़’ के मामले को दूसरे से तीसरे विभाग में टाला जाय। अंततः इसी सरकारी दांवपेंच में उस दबे हुए आदमी (कवि) की मौत हो जाती है…और इस व्यवस्था के संवेदन हीन और अमानवीय हो जाने के स्तर की ओर ये नाटक इंगित करता है…
कलाकारों में कुमुद कनौजिया, चंकी बच्चन,विपिन गौर, हर्षित केसरवानी, विनय त्रिपाठी,मनीष कपूर,जतिन कुमार , हर्षिता, निमिष,नीरज मिश्रा,हेमन्त सिंह,रवि पटेल ने अपनी अपनी भूमिकाओं के साथ न्याय किया।
प्रस्तुति नियंत्रक हर्षित केसरवानी रहे और मंच निर्माण प्रणय कुशवाहा,नीरज मिश्रा का रहा, वस्त्र विन्यास मनीष कपूर ने किया। रूप सज्जा संजय चौधरी की रही एवं संगीत सत्यम सिंह राजपूत ने संचालित किया । संचालन रंग निर्देशिका ऋतिका अवस्थी का रहा।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि वरिष्ठ लोकनाट्य विद अतुल यदुवंशी रहे तथा इस मंचन के अवसर पर डॉ आर. के. जायसवाल,वरिष्ठ रंग निर्देशिका सुषमा शर्मा ,श्लेष गौतम, आनंद कक्कड़, चित्रकार रवींद्र कुशवाहा, वरिष्ठ अभिनेत्री मीना उरांव, सुशील राय,राकेश वर्मा, रमा मोन्ट्रोस,अतुल कुशवाहा और नाज़िम अंसारी सहित शहर के तमाम सुधी दर्शक गण, बुद्धिजीवी और रंगकर्मी उपस्थित रहे।
Anveshi India Bureau