प्रयागराज। उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र द्वारा महाकुंभ झूंसी में आयोजित नाट्य उत्सव के अंतर्गत ध्वनि एवं प्रकाश के माध्यम से आज संस्था ‘द थर्ड बेल’ की प्रस्तुति ‘ कैकेयी वरदान’ का नाट्य मंचन प्रस्तुत किया गया । लीला में राजा दशरथ से रानी कैकई द्वारा मांगे गए वचन की लीला का मंचन किया गया। भगवान राम की आरती के साथ शुरू हुई रामलीला में जब भगवान राम को अयोध्या का राज देने की चर्चाएं आई तो रानी कैकई को उसकी दासी मंथरा ने भड़का दिया। मंथरा ने कहा कि राम तो राजा बन जाएंगें मगर कैकई पुत्र भरत को कुछ नहीं मिलेगा। इसको लेकर रानी कैकई कोप भवन में चली जाती है।

इस बात का जब राजा दशरथ को पता चलता है तो राजा कोप भवन में जाकर रानी कैकई से उसका कारण जानते है। कैकई , राजा दशरथ द्वारा युद्व के दौरान दिये गए वरदान के बारे में याद दिलाती है तथा इसी के अंतर्गत कैकई, दशरथ से अपने पुत्र भरत को राज गद्दी तथा राम को चौदह वर्ष का वनवास मांगती है। इसको सुनकर राजा दशरथ बहुत दुखी होते है। वो कैकई से कहते कि तुम कुछ भी मांग लो, लेकिन राम को वनवास मत मांगो, इस पर कैकई वचन याद दिलाते हुए कहती हैं कि तोड़ दीजिए अपना वचन, महाराज कहा गई आप की रीति कि रघुकुल रीत सदा चली आई, प्राण जाएं पर वचन जाई। राजा ऐसा ही करने को तैयार हो जाते है। लीला में प्रभु श्री राम की भूमिका में चंकी बच्चन रहे, वही दशरथ की भूमिका शुभेन्द्रू कुमार, कैकई की भूमिका वरिष्ठ अभिनेत्री सुश्री ऋतिका अवस्थी तथा मंथरा की भूमिका वरिष्ठ अभिनेत्री सुश्री प्रतिमा वर्मा द्वारा निभाई गई साथ ही सुमंत्र की भूमिका नीरज मिश्र ने निभाई । इस लीला का निर्देशन वरिष्ठ रंगनिर्देशक आलोक नायर ने किया ।
Anveshi India Bureau



