करवाचौथ का पर्व रविवार को श्रद्धा के साथ मनाया गया। सुहागिनों ने सोलह शृंगार कर दिनभर निर्जला व्रत रखकर पति की लंबी आयु की कामना की। विधिवत पूजन कर चांद को अर्घ्य दिया और पति के हाथों पानी पीकर व्रत खोला।
पर्व को लेकर महिलाएं सुबह से ही उत्साहित नजर आ रही थीं। शाम ढलने से पहले ही घर के आंगन में पूजा की तैयारियां की गईं। गाय के गोबर से लीपने के बाद चावल के आटे से चौक या रंगोली बनाई गई। उस पर करवा और पूजा की थाली रखी गई। फल, फूल, रोली, सिंदूर, मिठाई और गंगाजल रखा गया।
घर के आंगन में शिव-पार्वती, गणेश, कार्तिकेय आदि की पूजा की गई। इस बीच किसी ने चांद निकलने की सूचना दी तो महिलाओं के चेहरे खिल उठे। उन्होंने पहले चलनी से चांद और फिर पति के दर्शन किए। जिनके पति घर से दूर थे, उन्होंने वीडियो कॉल के जरिये अपने ‘चांद’ को निहारा। अपार्टमेंट्स में महिलाओं ने एकजुट होकर करवाचौथ का व्रत मनाया। रविवार को भी सिविल लाइंस में राजस्थानी मेहंदी लगाने वाले के लिए होड़ सी रही।
हथेलियां रचाने को करती रहीं इंतजार
करवाचौथ पर हथेलियां रचाने को सुहागिनों में गजब का उत्साह रहा। आमतौर पर घरों में महिलाओं ने एक दूसरे को मेहंदी लगाई लेकिन कुछ अलग और बेहतर की आस में बड़ी संख्या में सुहागिनों ने बाजार का रुख भी किया। सिविल लाइंस में सुभाष चौराहे के दोनों तरफ मेहंदी लगवाने के लिए घंटों अपनी बारी का इंतजार करती रहीं। अलग-अलग दुकानों पर मेहंदी लगाने के लिए महिलाओं का जमावड़ा रहा।
सजने, संवरने के लिए जुटीं महिलाएं, ब्यूटी पार्लरों में वेटिंग
सुहागिनों के त्योहार करवा चौथ का क्रेज पर्व के एक दिन पहले खासा नजर आया। सौभाग्यवती महिलाएं सजना के लिए सजने की तैयारियों में दिन भर जुटी रहीं। पर्व का बाजार भी महिलाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सजाया गया। पर्व को लेकर महिलाओं ने शनिवार को खूब खरीदारी की। शहर की साड़ियों की दुकानों पर भी रौनक रही। वहीं, ब्यूटी पार्लरों में महिलाओं ने फेशियल, पेडिक्योर, हेयर स्पा तमाम तरह की चीजें करवाईं।
करवाचौथ पूजा का मुहूर्त
कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को करवा चौथ का व्रत रखा जाएगा। महिलाएं पति की लंबी आयु और सौभाग्य की कामना से निर्जला व्रत रखेंगी। करवा चौथ में निर्जला व्रत, गणेश पूजा और चंद्रमा को अर्घ्य देने का महत्व है। चंद्रमा को अर्घ्य देने के बाद ही पारण करके व्रत पूर्ण होगा। आचार्य डॉ. अमिताभ गौड़ ने बताया कि कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 20 अक्तूबर को दिन में 10:46 बजे से लगेगी जो 21 अक्तूबर को दिन में नौ बजे तक रहेगी। चंद्रमा शाम को 7:40 बजे निकलेगा। इसके बाद चंद्रमा की पूजा होगी और अर्घ्य दिया जाएगा।
चांद निकलने के बाद हुई आतिशबाजी
रविवार की शाम को निर्धारित समय पर चांद निकलने के बाद जमकर आतिशबाजी हुई। लोगों ने पटाखे फोड़कर चंद्रदेव का स्वागत किया। इसके बाद विधि विधान से पूजन अर्चन का दौर शुरू हुआ। चांद निकलते ही पटाखों के शोर से एक बार मानो ऐसा लगा कि जैसे दिवाली आज ही है।