किन्नर अखाड़े में दो फाड़ हो गया है। अखाड़े की महामंडलेश्वर कौशल्या नंद गिरि टीना मां ने अखाड़े पर गंभीर आरोप लगाते हुए नया अखाड़ा सनातनी किन्नर अखाड़े का गठन कर लिया है।
किन्नर अखाड़े के गठन के दस साल बाद उससे अलग होकर सनातनी किन्नर अखाड़े का बुधवार को संगम नगरी प्रयागराज में विधिवत गठन हो गया। किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर और प्रदेश अध्यक्ष स्वामी कौशल्या नंद गिरी उर्फ टीना मां ने सनातनी किन्नर अखाड़े का गठन किया है। गठन से पहले वह अपने शिष्यों के साथ संगम तट पर पहुंचीं। जहां पर उन्होंने त्रिवेणी में स्नान किया और वैदिक मंत्रोच्चार के साथ उनका अभिषेक कराया गया।
ममता कुलकर्णी को लेकर किन्नर अखाड़े में विवाद कितना बढ़ गया है कि किन्नर अखाड़े में दो फाड़ हो गया है।
“सनातनी किन्नर अखाड़ा “ का गठन करने के बाद कौशल्या नंद गिरी उर्फ टीना मां ने सनातन को मजबूत करने और आगे बढ़ने का संकल्प दोहराया है। उन्होंने किन्नर अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर डॉक्टर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी पर तानाशाही पूर्ण तरीके से संचालित करने और फैसले लेने का आरोप लगाया है।

कामाख्या पीठाधीश्वर भवानी मां का कहना है कि किन्नर अखाड़ा पहले पंच दशनाम जूना अखाड़े से सम्बद्ध है। वह आगे भी जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरी महाराज के सानिध्य में ही रहेंगे। हालांकि अखाड़े के अंदर उठ रहे असंतोष और विवादों के चलते 2024 में ही भवानी मां ने किन्नर अखाड़े को छोड़ दिया था।
वहीं मुंबई की प्रख्यात सोशल वर्कर व फ़िल्म अभिनेत्री श्री गौरी सामंत ने कहा है कि सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के लिए कार्य करेंगी। उन्होंने कहा है कि वह किन्नर अखाड़े की संस्थापक सदस्यों में रही है। लेकिन वास्तव में किन्नर अखाड़ा अपने सही उद्देश्यों से भटक गया था। जिसके चलते अब उन्हें अपनी राह अलग बनानी पड़ रही है। हालांकि उन्होंने कहा है कि उनका अखाड़ा सनातन धर्म को आगे बढ़ाने के साथ ही साथ सांस्कृतिक मूल्यों के संरक्षण और संवर्धन के लिए काम करेगा इसके साथ ही संस्कृत शिक्षा को लेकर भी बड़ी पहल करेगा।

समारोह की शुरुआत में टीना मां ने शिष्यों संग त्रिवेणी संगम में स्नान और वैदिक अभिषेक किया। इसके बाद बैरहना स्थित दुर्गा पूजा पार्क में वैदिक ब्राह्मणों ने मंत्रोच्चार के बीच पट्टाभिषेक कराया। इस अवसर पर काशी से आए डमरू वादकों ने आरती की प्रस्तुति दी। आचार्य महामंडलेश्वर ने कहा कि यह पल अद्वितीय और अवर्णनीय है। सनातन धर्म ही हमारे अस्तित्व का आधार है, और यही धर्म हमें एकजुट रखता है। सनातनी किन्नर अखाड़ा का उद्देश्य किन्नर समाज में सनातन मूल्यों का पुनर्स्थापन, गोसेवा, गंगा संरक्षण और सांस्कृतिक उत्थान रहेगा।

टीना मां ने कहा कि अखाड़े की दिशा समाज के दबे-कुचले वर्गों की आवाज बनने और सनातन धर्म से विमुख किन्नर बहनों की घर वापसी सुनिश्चित करने की होगी। उन्होंने अपने पद के प्रति कर्तव्य, समर्पण और धर्म-सेवा की प्रतिज्ञा ली। इस मौके पर किन्नरों ने नाचते-गाते हुए खुशी मनाई। समारोह के दौरान टीना मां ने संजना गिरि को महामंडलेश्वर और संध्यानंद गिरि को श्रीमहंत घोषित किया।
वहीं, मुंबई की सोशल वर्कर व फिल्म अभिनेत्री गौरी सामंत ने कहा कि यह अखाड़ा सनातन धर्म को आगे बढ़ाने का काम करेगा। पट्टाभिषेक के समय 500 से अधिक किन्नर मौजूद रहे। कार्यक्रम में कामाख्या पीठाधीश्वर भवानी मां (जूना अखाड़ा), दयालपुरी मां, अंजली मां, मन्नत मां (कानपुर), बबली गुरु, मुस्कान नायक (भरवारी), आरती गुरु, नरगिस नायक (प्रतापगढ़) और सोनी नायक (हंडिया) सहित कई प्रमुख संतों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चादर और ध्वजा अर्पित कर आशीर्वाद दिया।

जूना अखाड़े से संबद्ध है किन्नर अखाड़ा : भवानी मां
सनातनी किन्नर अखाड़े से जुड़ी कामाख्या पीठाधीश्वर भवानी मां ने कहा कि किन्नर अखाड़ा पहले पंच दशनाम जूना अखाड़े से संबद्ध है। वे सब आगे भी जूना अखाड़े के संरक्षक महंत हरि गिरि महाराज के संरक्षण में रहेंगे। हालांकि अखाड़े के अंदर उठ रहे असंतोष और विवाद की वजह से वर्ष 2024 में भी भवानी मां ने किन्नर अखाड़ा छोड़ दिया था।



