Tuesday, July 1, 2025
spot_img
HomeKumbhमहाकुंभ 2025 : कुंभनगरी आकर 48,500 लोग परिजनों से बिछड़े, पुरुषों के...

महाकुंभ 2025 : कुंभनगरी आकर 48,500 लोग परिजनों से बिछड़े, पुरुषों के बिछुड़ने की संख्या अधिक

कुंभ नगरी में स्नान के लिए पहुंचे 48,500 लोग अपने परिजनों से बिछुड़े। खास बात यह कि परिजनों से बिछुड़ने वालों में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की संख्या अधिक रही यह सभी कुछ दिनों के इंतजार के बाद अपने परिजनों तक पहुंच गए।

कुंभ नगरी में स्नान के लिए पहुंचे 48,500 लोग अपने परिजनों से बिछुड़े। खास बात यह कि परिजनों से बिछुड़ने वालों में महिलाओं के मुकाबले पुरुषों की संख्या अधिक रही यह सभी कुछ दिनों के इंतजार के बाद अपने परिजनों तक पहुंच गए। मेले में सिर्फ छह साल का एक बच्चा ही ऐसा रहा, जो अब तक परिजनों तक नहीं पहुंच सका।

कुंभ नगरी में परिजनों से बिछुड़ने वालों की मदद के लिए तीन केंद्र काम कर रहे थे। इनमें एक सरकार की ओर से बना डिजिटल भूला-बिसरा केंद्र रहा जबकि दो स्वयंसेवी संगठनों ने संचालित किया। इनमें सबसे पुराना भारत सेवा केंद्र (1946) एवं हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति (1954) शामिल रहीं। भूले भटकों के लिए सबसे अधिक मददगार भारत सेवा केंद्र एवं हेमवती नंदन बहुगुणा समिति रहा।

भारत सेवा केंद्र संचालक उमेश चंद्र तिवारी के मुताबिक 12 जनवरी से आरंभ हुए केंद्र में बुधवार तक कुल 10,931 पुरुष एवं 8,100 महिलाओं समेत 17 बच्चे बिछड़े। हेमवती नंदन बहुगुणा स्मृति समिति संचालक संत कुमार पांडेय के मुताबिक 10 जनवरी से 15 फरवरी के बीच 5500 महिलाओं एवं 24 बच्चों को उनके परिजनों से मिलाया। सिर्फ छह साल का बाबुल ही परिजनों तक नहीं पहुंच सका। उसे चाइल्ड लाइन में रखा गया है। वहीं, डिटिजल केंद्र के जरिये करीब 24 हजार लोग बिछुड़ने के बाद परिवार से मिले। यहां आने वालों में भी पुरुषों की संख्या अधिक रही। 

किसी की पत्नी खोई, तो किसी का बेटा

आखिरी स्नान पर्व के दौरान भी भूले भटके केंद्र में अपनों से बिछुड़ जाने वालों की भीड़ रही। 24 परगना, बंगाल से आए संजय महापात्रा पत्नी खो गई। संजय ने कुछ देर तो उनको संगम घाट पर तलाशा लेकिन, वह नहीं मिलीं। रोते-बिलखते संजय नंगे बदन ही भारत सेवा केंद्र पहुंचे। आंखों में आंसू भरकर संजय शिविर संचालकों से गुहार लगाने रहे। कई घंटे तक वहां शिविर के बाहर ही खड़े रहे।

अलीगढ़ से आईं चंदा का नौ साल का बेटा विशाल भी संगम में स्नान के बाद घाट पर ही गुम हो गया। इकलौता बेटा के लापता होते ही चंदा बदहवास हो उठीं। काफी देर तक वह उसे संगम के आसपास तलाशती रहीं। किसी तरह भटकती हुईं वह भारत सेवा केंद्र पहुंची।

यहां करीब तीन घंटे बाद पुलिस वालों ने उद्घोषणा सुनकर बच्चे को वहां पहुंचाया। बच्चे को देखते ही मां चंदा ने उसे सीने से लगा लिया। काफी देर तक अपने बेटे से लिपटकर रोती रही। इसी तरह पूरे दिन ही यहां बिछुड़ने और मिलने वालों का तांता लगा रहा।

 

 

 

Courtsy amarujala.com

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments