Tuesday, January 21, 2025
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महाकुम्भ 2025। माँ गंगा की स्तुति का कुचिपुड़ी नृत्य में भाव भागिमाओं से आल्हादित हुआ गंगा पंडाल

महाकुम्भ में आज दिनांक 20/1/2025 को गंगा पण्डाल नदी संवाद की संगीतमयी प्रस्तुति की गवाह बनी। श्री जुगल किशोर एवं दल द्वारा यमुना नदी पर संगीतमय एवं वैचारिक संवाद हुआ।

संध्या कालीन की सांस्कृतिक संध्या की शुरुआत पद्मभूषण एवं पद्मश्री से अलंकृत श्री राजा राधा रेड्डी के दल द्वारा दक्षिण भारत की प्रसिद्ध कुचिपुड़ी नृत्य भाव में गणपति वंदना से की। उसके बाद “देवी सुरेश्वरि देवी गंगे” पर पतित पावनी माँ गंगा की स्तुति की। कुचिपुड़ी में एक संगीत रचना तेल्लाना को प्रस्तुत किया। अपनी अंतिम प्रस्तुति में पारंपरिक कुचिपुड़ी गायन को संप्रेषित करनी “तरंगम” से नृत्य भावों को प्रस्तुत किया। जिसमें श्री कृष्ण की मनोहारी प्रसंग को नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया। कार्यक्रम की अगली कड़ी में युगवक्ता डॉ० कुमार विश्वास ने “अपने अपने राम” ऊर्जा सत्र में कुम्भ की महिमा बताते हुए प्रयाग की आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक चेतना के अनछुए पहलू उजागर किये। उसके बाद मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान सगरी राम के चरित्र का गुणगान करते हुए अपनी संगीतमयी प्रस्तुति से गंगा पण्डाल में उपस्थित हजारों युवकों एवं युवतियों को झूमने पर मजबूर कर दिया। “मानवता के खुली आंख के सबसे सुंदर सपने राम” एवं ” ये गंगा का किनारा है” की मनमोहक प्रस्तुति से पूरा वातावरण भक्तिमय कर दिया। कार्यक्रम की अंतिम कड़ी में मुम्बई से पार्श्वगायक श्री राम चन्द्र के भजनों ने सभी दर्शकों को आल्हादित कर दिया। आज कार्यक्रम में छपरा, बिहार के माननीय सांसद राजीव प्रताप रूडी की गरिमामयी उपस्थिति रही। कार्यक्रम में संस्कृति मंत्रालय की वरिष्ठ सलाहकार श्रीमती गौरी बसु, संस्कृति विभाग के कार्यक्रम अधिशाषी श्री कमलेश कुमार पाठक, नोडल अधिकारी डॉ० सुभाष यादव उपस्थित रहे। डॉ० आभा मधुर ने अपने कुशल मंच संचालन से सभी दर्शकों को आनंदित किया।

 

 

Anveshi India Bureau

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