अभय सिंह मूलरूप से हरियाणा के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि वह बांबे आईआईटी से एयरो स्पेस से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उन्हें जर्मनी में दो लाख महीने की नौकरी मिल रही थी, लेकिन महादेव के प्रति अपार प्रेम होने की वजह वह उस नौकरी को ठुकरा दिए।
आईआईटी बांबे से एयरो स्पेस की पढ़ाई और दो लाख महीने की नौकरी ठुकराकर अभय सिंह नागा संन्यासी बन गए। उनके इंजीनियरिंग से नागा संन्यासी बनने की वजह से जूना अखाड़ा चर्चा का विषय बना हुआ है। महाकुंभ को कवर करने आए देश भर के मीडिया कर्मियों की उनके शिविर में तांता लगा हुआ है। वह बताते हैं कि जब वह अपने घर में ध्यान करते थे तो उनके परिवार के लोग उन्हेें पागल बताकर पुलिस को सौंप दिया। उसके बाद से वह संन्यासी बनने का मन बना लिया।
अभय सिंह मूलरूप से हरियाणा के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि वह बांबे आईआईटी से एयरो स्पेस से इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। उन्हें जर्मनी में दो लाख महीने की नौकरी मिल रही थी, लेकिन महादेव के प्रति अपार प्रेम होने की वजह वह उस नौकरी को ठुकरा दिए। इसके अलावा वह प्रोडक्ट डिजाइन एनिमेशन का भी कोर्स किया। इतनी पढ़ाई करने के बाद भी उनका मन अध्यात्म की ओर ही भागता रहता था।