Thursday, February 6, 2025
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Mahakumbh : ढाई किमी का सफर चार घंटे में, 12 घंटे तक रेंगते रहे वाहन, ट्रैफिक व्यवस्था हुई ध्वस्त

वसंत पंचमी का मुख्य स्नान पर्व बीतने के बाद माना जा रहा था कि महीनोें से बेपटरी हो चुकी यातायात व्यवस्था में सुधार आएगा। हालांकि यह अनुमान गलत निकला। पर्व के बीतने के बाद भी बुधवार को मेला क्षेत्र के आसपास के इलाकों में यातायात संबंधी इंतजाम धड़ाम हो गए।

वसंत पंचमी का मुख्य स्नान पर्व बीतने के बाद माना जा रहा था कि महीनोें से बेपटरी हो चुकी यातायात व्यवस्था में सुधार आएगा। हालांकि यह अनुमान गलत निकला। पर्व के बीतने के बाद भी बुधवार को मेला क्षेत्र के आसपास के इलाकों में यातायात संबंधी इंतजाम धड़ाम हो गए। सुबह से ही हालात बेपटरी हुए और फिर रात तक स्थिति सामान्य नहीं हो सकी। सबसे गंभीर हाल नैनी में नए यमुना पुल से नैनी जेल तक रही जहां सुबह नौ बजे से रात नौ 12 घंटे तक वाहन सिर्फ रेंगते रहे। श्रद्धालुओं को ढाई घंटे का सफर तय करने में चार घंटे लग गए।

रविरंजन झा छत्तीसगढ़ के गढ़वा से परिवार समेत संगम स्नान के लिए आए थे। बुधवार दोपहर एक बजे के करीब उनकी गाड़ी लेप्रोसी मिशन चौराहे से कुछ पहले रेंगती नजर आई। पूछने पर बताया कि सुबह नौ बजे नैनी जेल के पास पहुंचे थे। वहां से नए पुल तक की ढाई किमी की दूरी तय करने में ही चार घंटे लग गए। पुल भी लंबा जाम बताया जा रहा है, ऐसे में स्नान और वापसी कब होगी, इसका कुछ पता नहीं।

 

 

Two and a half kilometer journey in four hours, vehicles kept crawling for 12 hours, traffic system collapsed

मप्र के जबलपुर स्थित नागरथ चौक निवासी शोभित बिसारिया भी इसी स्थिति से दो-चार हुए। नैनी जेल पॉवर हाउस के सामने शोभित व उनके तीन परिजनों की कार रेंगती नजर आई। बताया कि करीब दो घंटे से ज्यादा हो गए हैं और एक किमी भी आगे नहीं बढ़ पाए हैं। इतने बड़े आयोजन को लेकर ट्रैफिक के इंतजाम को फुल प्रूफ रखना चाहिए था। इसी तरह झूंसी निवासी परिषदीय शिक्षक प्रशांत मिश्रा ने बताया कि घर से स्कूल जाने व लौटने में तीन-तीन घंटे का वक्त लग रहा है। जबकि पूर्व में दावे किए गए थे कि यातायात व्यवस्था को लेकर हाईलेवल की प्लानिंग की गई है। अगर यही प्लानिंग है तो इसमें जिम्मेदारी तय होनी चाहिए।

इंतजाम धड़ाम होने की पांच वजहें
1- बाहरी वाहनों के लिए प्रतिबंध हटाया जाना
2- नए पुल से लेकर नैनी तक सड़क किनारे वाहनों के खड़े होने
3- ई रिक्शा व ऑटो पर नियंत्रण न होने
4- बाइक पर सवारियां ढोने वालों का जगह जमघट
5- जगह-जगह अव्यस्थित ढंग से बैरियर लगाया जाना

मुख्य स्नान पर्व बीतने के बाद बुधवार को बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं के वाहनों को शहर में एंट्री दी गई। नतीजा यह हुआ कि यातायात का दबाव काफी बढ़ गया। यही वजह रही कि यातायात की गति धीमी रही। विचार किया जा रहा है कि शहर में इंट्री की बजाय फिर से बाहरी जनपदों से आने वाले वाहनों को शहरी क्षेत्र के निकटतम पार्किंगस्थलों तक ही आने की अनुमति दी जाए। हालांकि भीड़ को देखते हुए ही कोई निर्णय लिया जाएगा। – तरुण गाबा, पुलिस आयुक्त

 

 

 

Courtsyamarujala.com

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