जूना अखाड़े के एक हजार से अधिक संत, संन्यासी और महंत, रमता पंच और मढ़ियों के प्रमुख राजशाही तरीके से कुंभ के लिए प्रस्थान करेंगे। इनके साथ घोड़ा, हाथी, ऊंट, बग्घी और रथ आदि गाजे बाजे के साथ शामिल रहेंगे।
प्रयागराज में होने वाले कुभ महापर्व के लिए नगर प्रवेश व भूमि पूजन रविवार तीन नवंबर को होगा। उस दिन देश विदेश से आए संत प्रयागराज में नगर प्रवेश करेंगे। श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने बताया कि कुंभ महापर्व तीन नवंबर से फरवरी तक चलेगा, जिसमें देश-विदेश से लाखों संत व करोडों भक्त भाग लेंगे।
संतों का नगर प्रवेश रविवार तीन नवंबर को होगा। साथ ही कुंभ महापर्व के दौरान किसी प्रकार का कोई विघ्न ना आए और किसी को कोई परेशानी ना हो, इसके लिए रविवार को ही श्री पंच दशनाम जूना अखाडे़ के द्वारा शनिदेव, यमुना व धर्मराज का पूजन किया जाएगा। नगर प्रवेश यात्रा रामापुर से शुरू होगी और श्री मौजगिरिश्री पंच दशनाम अखाडे़ तक जाएगी। जूना अखाड़े के अंतरराष्ट्रीय संरक्षक एवं अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरि गिरि के दिशा निर्देशन में नगर प्रवेश यात्रा में रमता पंच, श्री पंच, श्री पंच दशनाम जूना अखाडा, जूना अखाडा, अखाडा परिषद समेत सभी अखाड़ों के संत शामिल होंगे।
सुसज्जित रथों-बग्घियों से नगर प्रवेश करेगा जूना अखाड़ा
जगद्गुरु शंकराचार्य गुजरात पीठाधीश्वर महेंद्रानंद गिरि महाराज, श्री पंचायती निरंजनी अखाड़ा के राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज, जूना अखाड़ा के अंतरराष्ट्रीय सभापति श्रीमहंत प्रेम गिरि महाराज, पूर्व सभापति श्रीमहंत उमा भारती महाराज, श्रीमहंत पृथ्वी गिरि महाराज, श्रीमहंत केदारपुरी महाराज, श्रीमहत सिद्धेश्वर यति महाराज, श्रीमहंत प्रेम भारती महाराज, श्रीमहंत शांति गिरि महाराज, श्रीमहंत राम गिरि महााज, श्रीमहंत सिद्धेश्वर गिरि महाराज, श्रीमहंत धनंजय गिरि महाराज, श्रीमहंत मुकुंद पुरी महाराज, श्रीमहंत शैलेंद्र गिरि महाराज, श्रीमहंत महेश पुरी महाराज, श्रीमहंत गणपत गिरि महाराज, थानापति धीरज गिरि महाराज, थानापति रवि गिरि महाराज, थानापति मनोज गिरि महाराज, थानापति मुन्ना गिरि महाराज, थानापति कुशपुरी महाराज, रमतापंच के श्रीमहंत निरजंन भारती, श्रीमहंत रामचंद्र गिरि महाराज, श्रीमहंत द्धिजपुरी महाराज, श्रीमहंत मोहन गिरि महाराज, महंत कमल भारती महाराज, महंत तीरथ गिरि महराज, महंत योगदानंद गिरि महाराज, महामंडलेश्वर विद्या चेतन सरस्वती महाराज आदि शामिल होंगे। श्रीमहंत नारायण महाराज पूरे मेले में अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता के रूप में मौजूद रहेंगे। मेले का पूरा प्रबंधन सचिव मोहन भारती महाराज की देखरेख में होगा।