Thursday, November 21, 2024
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Mahakumbh : महाकुंभ में होगा अद्भुत और लुप्त प्राय पक्षियों का भी संगम, वाइल्ड लाइफ की टीम निगरानी में जुटी

महाकुंभ में विलुप्त प्राय और दुर्लभ पक्षियों का भी संगम होने जा रहा है। बड़ी संख्या में विदेशी मेहमान संगम तट पर पहुंच चुके हैं और दुनिया में सबसे तेज रफ्तार में उड़ने वाले पेरेग्रीन का इंतजार किया जा रहा है। पक्षियों की निगरानी वाइल्ड लाइफ की टीम कर रही है।

अद्भुत महाकुंभ का साक्षी बनने लुप्त प्राय इंडियन स्कीमर का 150 जोड़ा यहां आ चुका है। संगम की रेती पर रंग बिरंगे इन मेहमानों की कलरव गंगा मइया की कल कल से मिलकर अलौकिक राग छेड़ रही है। इसी बर्ड साउंड थेरेपी के लिए देश विदेश से लोग आने लगे हैं। अभी दुनिया में सबसे तेज उड़ान वाले पेरेग्रीन फाल्कन का भी इंतजार किया जा रहा है। जापान और चीन की बुलेट ट्रेन से तेज रफ्तार वाला यह पक्षी 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार में हवा से बातें करता है। संगम क्षेत्र में यह अलौकिक दृश्य प्रदेश में इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के प्रयासों को बढ़ावा दे रहा है। वन विभाग भी इस अवसर को महाकुंभ से पूर् बर्ड फेस्टिवल आयोजित कर सेलिब्रेट करने जा रहा है।

Along with the roar of Sangam in Mahakumbh, the chirping of birds of more than 90 species will enthrall the mi
वाइल्ड लाइफ की टीम कर रही निगरानी 

प्रयागराज में वन विभाग के आईटी हेड आलोक कुमार पांडेय ने बताया कि महाकुंभ से पहले ही बड़ी संख्या में अप्रवासी पक्षी प्रयागराज आ रहे हैं। इनके साथ लुप्तप्राय इंडियन स्कीमर और साइबेरियन सारस भी बड़ी संख्या में हैं। इतनी बड़ी तादात में आने वाले देशी और विदेशी पक्षियों की गणना के लिए वाइल्डलाइफ की टीम लगाई गई है जो दिनरात इन पक्षियों की विशेष निगरानी कर रही है। वाइल्डलाइफ के सामुदायिक अधिकारी केपी उपाध्याय ने बताया कि दुनिया भर में लुप्त प्राय  इंडियन स्कीमर करीब 150 से अधिक के जोड़ों में संगम किनारे आ चुकी हैं। यह प्रदूषण को रोकने में काफी हद तक मददगार होती है। यही नहीं ये पानी की शुद्धता को बढ़ाने का भी काम करती हैं।

Along with the roar of Sangam in Mahakumbh, the chirping of birds of more than 90 species will enthrall the mi
महाकुंभ की शोभा बढ़ा रहे उड़ते हुए विदेशी मेहमान 

महाकुंभ की शुरुआत से पहले ही इतनी बड़ी संख्या में संगम किनारे पहुंचे ये पक्षी देश-विदेश से आने वाले लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुके हैं। इंडियन स्कीमर फिलहाल रेत के टीले पर सुबह शाम आपको टहलते हुए आसानी से दिख जाते हैं। यहां मां गंगा के किनारे शेड्यूल वन की इंडियन स्कीमर, साइबेरियन, ब्लैक क्रेन, सारस जैसी 90 से अधिक प्रजातियों के पक्षी फिलहाल महाकुंभ के स्वागत के लिए आ गए हैं।  अभी दो साल पहले प्रयागराज में पेरेग्रीन फाल्कन को भी देखा जा चुका है जिसके महाकुंभ के दौरान पहुंचने की उम्मीद की जा रही है।

यह दुनिया का सबसे तेज उड़ने वाला पक्षी है, जिसकी रफ्तार जापान और चीन की बुलेट ट्रेन से भी अधिक मानी जाती है। यह 300 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भी अधिक तीव्र गति से उड़ने में सक्षम है। इनके अलावा विभिन्न प्रकार के देशी और विदेशी पक्षी संगम को मुफीद मानते हुए महाकुंभ की शोभा बढ़ाने आ चुके हैं। इनमें साइबेरिया, मंगोलिया, अफगानिस्तान समेत 10 से अधिक देशों से ये विदेशी मेहमान महाकुंभ का आनंद बढ़ाने के लिए आए हैं।

महाकुंभ तक हमारा साथ निभाएंगे साइबेरियन पक्षी

पक्षी वैज्ञानिकों ने बताया कि प्रयागराज में बड़ी संख्या में पहुंच चुके इंडियन स्कीमर बहुत ही ज्यादा सेंसिटिव होते हैं। यह अपने अंडों को बचाने के लिए तरह-तरह के इंतजाम करते हैं। सबसे खास बात यह है कि ये अधिकतर  तीन ही अंडे देते हैं। मादा जब अपने पंखों से अंडों को ढक कर उनकी रखवाली करती है तो नर अपने पंखों में पानी भरने जाता है। नर जब वापस लौटता है तो अपने भीगे पंखों से अंडों को नमी देता है।

फिर मादा को भेजता है अपने पंखों को नम करने के लिए। भारत में इन्हें पनचीरा भी कहा जाता है, क्योंकि यह पानी को चीरते हुए आगे बढ़ते हैं। इनकी एक चोंच छोटी तो दूसरी बड़ी होती है। साइबेरियन पक्षी गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम पर टापू को अपना निवास बनाते हैं। इन पक्षियों का आना सर्दियों की शुरुआत का संकेत है। साइबेरिया, मंगोलिया और अफगानिस्तान समेत 10 से अधिक देशों से पहुंचे ये साइबेरियन पक्षी महाकुंभ तक यहां वक्त बिताएंगे।

दिखाई दे सकती है रॉकेट बर्ड 

दुनिया में सबसे तेज गति से उड़ने वाला पक्षी पेरेग्रीन फाल्कन भी महाकुंभ के दौरान संगम तट पर देखा जा सकता है। ये बाज की ही एक प्रजाति है। इसकी उड़ान की रफ्तार 300 किलोमीटर प्रति घंटे से भी अधिक होती है। इसे रॉकेट बर्ड भी कहते हैं। यह आम तौर पर उत्तरी अमेरिका में मिलता है। इसीलिए इसको जापान और अमेरिका की बुलेट ट्रेन से भी ज्यादा तेज उड़ने वाला पक्षी माना जाता है। पक्षी वैज्ञानिकों के अनुसार वर्ष 2022 में इसे संगम के किनारे देखा गया था। माना जा रहा है कि महाकुंभ तक यह संगम की शोभा को बढ़ाएगा।

Courtsy amarujala.com
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