भव्य स्वरूप और 51 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व उपस्थिति के साथ ही ऐतिहासिक आयोजन महाकुंभ बन चुका है। इस दिव्य आयोजन को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने कई अनुकरणीय पहल की हैं। इसमें तकरीबन चार हजार प्रोटोकॉल पहली बार जारी हुआ हैं। दिव्य- भव्य धार्मिक सांस्कृतिक समागम महाकुंभ इतिहास रच चुका है। जहां 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रहीं थीं, वहीं 51 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके है।
अभी मेला 11 दिन शेष है। मानव इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी सहभागिता बन चुकी हैँ। इस विराट समागम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि दुनिया में केवल भारत और चीन की संख्या ही यहां आने वाले लोगों से अधिक है। मेले में देश की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, भूटान नरेश , देश के कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, देश के प्रमुख उद्योगपतियों आदि के आने से मेले की भव्यता बढ़ी हैं।
श्रद्धालुओं के आने का क्रम ऐसा ही रहा तो शिवरात्रि स्नान तक यह संख्या 65 करोड़ के पार हो सकती हैं। राजनीति, फिल्म, कारोबार जगत के दिग्गजों का मेले में आने का तांता लगा हैं, संगम में डुबकी लगाकर सभी सराहना कर रहे है। वीआईपी के आने में मेला प्रशासन को कोई परेशानी नहीं हैं। लेकिन जो फर्जी वीआईपी हैं, जैसे किसी अधिकारी के रिश्तेदार, संगठन के नेता, मंत्रियों के रिश्तेदार , रिटायर्ड अफसर ऐसे लोगों ने मेला प्रशासन के अधिकारियों के लिए मुसीबत खड़ी कर दी है। हर रोज 100 प्रोटोकॉल स्नान आदि के लिए जारी किया जा रहा हैं।
केस एक