Saturday, March 15, 2025
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Mahakumbh : महाकुंभ में वीआईपी के आने का भी बना रिकाॅर्ड, पहली बार लगा चार हजार प्रोटोकॉल

भव्य स्वरूप और 51 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं की अभूतपूर्व उपस्थिति के साथ ही ऐतिहासिक आयोजन महाकुंभ बन चुका है। इस दिव्य आयोजन को सुरक्षित और सुव्यवस्थित बनाने के लिए प्रदेश सरकार ने कई अनुकरणीय पहल की हैं। इसमें तकरीबन चार हजार प्रोटोकॉल पहली बार जारी हुआ हैं। दिव्य- भव्य धार्मिक सांस्कृतिक समागम महाकुंभ इतिहास रच चुका है। जहां 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई जा रहीं थीं, वहीं 51 करोड़ से अधिक श्रद्धालु संगम में स्नान कर चुके है।

अभी मेला 11 दिन शेष है। मानव इतिहास में अब तक की सबसे बड़ी सहभागिता बन चुकी हैँ। इस विराट समागम का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि दुनिया में केवल भारत और चीन की संख्या ही यहां आने वाले लोगों से अधिक है। मेले में देश की राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, भूटान नरेश , देश के कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री, राज्यपाल, विधानसभा अध्यक्ष, देश के प्रमुख उद्योगपतियों आदि के आने से मेले की भव्यता बढ़ी हैं।
केस एक

लखनऊ में तैनात एक सीनियर महिला आईएएस अफसर ने मेले के एक अधिकारी को फोन किया। उन्होंने कहा कि हमारे करीबी लोग गए हैं, उन्हें संगम में वीआईपी स्नान करवा दें। अधिकारी ने एक नायब तहसीलदार को फोन किया तो उन्होंने कहा कि सर एक दरोगा ने वीआईपी डयूटी में लगे लेखपाल की पिटाई कर दी हैं, उसे लेकर इलाज कराने अन्य लेखपाल गए हैं। थोड़ी देर बाद दोबारा फोन महिला अफसर का आया, आपने कोई मदद नहीं की।

 

केस दो

मध्य प्रदेश से एक महिला ने मेले के एक अधिकारी को फोन किया। उन्होंने कहा कि वह आ रहीं हैं उन्हें कमरा, मोटरवोट और प्रोटोकॉल चाहिए। वह ……की करीबी हैं। अधिकारी ने मना कर दिया कि कमरा नहीं मिल पाएंगा, मुख्यमंत्री और राज्यपाल का कार्यक्रम रविवार को है। भाजपा की महिला नेता गुस्सा गईं।

 

केस तीन

 

उड़ीसा के एक सांसद के पीएस ने फोन कर कहा कि सांसद जी दस लोगों के साथ 17 को जाएंगे, प्रोटोकॉल स्नान करने का, रहने का इंतजाम हो जाएगा क्या। अधिकारी ने उन्हें परेशानी बताई तो वह समझदार निकले। उन्होंने कहा कि वैसे कोशिश करिएगा।

 

केस चार

 

लखनऊ से एक फोन आया। उन्होंने कहा कि हम प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री ….. के यहां से बोल रहा हूं । हमारे रिश्तेदार जा रहे हैं, उनके स्नान के लिए खास इंतजाम करा दें। अधिकारी ने इसकी भी जरूरत नहीं समझी कि वास्तव में प्रमुख सचिव के यहां से ही फोन हैं या कोई फर्जी व्यक्ति उनका नाम बेच रहा हैं, उसके लिए बेहतर इंतजाम करवा दी।

 

करीब तीन से चार हजार प्रोटोकॉल जारी हो चुका होगा। वीआईपी के आने से कोई परेशानी नहीं है। अगर परेशानी है तो उनकी वजह से जो अपने को वीआईपी बताकर सभी सुविधाएं प्राप्त करना चाहते हैं। प्रतिदिन पांच दर्जन वीआईपी प्रोटोकॉल जारी किया जा रहा है। फोन तो 200 से अधिक आते हैं, सभी को ठहरने के लिए कमरा, मोटरवोट, संगम स्नान आदि वीआईपी सुविधा चाहिए। – संजीव ओझा, अपर मेला अधिकारी, महाकुंभ प्रयागराज।

 

 

 

Courtsyamarujala.com

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