Friday, October 18, 2024
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Mahakumbh : संदिग्धों को चिह्नित करने के लिए एआई का होगा इस्तेमाल, सॉफ्टवेयर पहचान कर पुलिस को करेगा सतर्क

महाकुंभ में मुख्य स्नान पर्वों पर करोड़ों श्रद्धालु मेला क्षेत्र में पहुंचेंगे। सुरक्षा के लिहाज से 1200 सीसीटीवी कैमरे मेला क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर लगवाए गए हैं। 30 हजार जवानों की तैनाती भी की जाएगी। हालांकि, एक साथ करोड़ों श्रद्धालुओं के पहुंचने पर उनमें संदिग्धों की पहचान मैनुअल तरीके से करना आसान नहीं होगा।

महाकुंभ मेला क्षेत्र में संदिग्धों की पहचान के लिए भी इस बार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का इस्तेमाल किया जाएगा। सुरक्षा के लिए एआई आधारित सॉफ्टवेयर का प्रयोग होगा जाे एक ही स्थान पर बार-बार आने-जाने या संदिग्ध गतिविधि वाले को तुरंत चिह्नित करेगा। साथ ही इस संबंध में कमांड सेंटर को सतर्क भी करेगा। महाकुंभ में मुख्य स्नान पर्वों पर करोड़ों श्रद्धालु मेला क्षेत्र में पहुंचेंगे। सुरक्षा के लिहाज से 1200 सीसीटीवी कैमरे मेला क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर लगवाए गए हैं। 30 हजार जवानों की तैनाती भी की जाएगी। हालांकि, एक साथ करोड़ों श्रद्धालुओं के पहुंचने पर उनमें संदिग्धों की पहचान मैनुअल तरीके से करना आसान नहीं होगा।

इसी को देखते हुए मेला क्षेत्र में संदिग्ध गतिविधियों वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए भी एआई का इस्तेमाल करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए एआई आधारित सॉफ्टवेयर का प्रयोग किया जाएगा। यह सॉफ्टवेयर पूर्व से फीड प्रोग्राम के आधार पर संदिग्धों की पहचान करेगा। मसलन अगर मेला क्षेत्र में स्थित किसी महत्वपूर्ण स्थान पर कोई व्यक्ति या व्यक्तियों का समूह बार-बार देखा जाता है या एक निश्चित अवधि में चिह्निन स्थान के आसपास नजर आते हैं तो उनकी तस्वीर सीसीटीवी कैमरों के जरिये कैद कर सॉफ्टवेयर कमांड सेंटर को सतर्क करेगा।

इसके बाद कमांड सेंटर से मेले में तैनात पुलिसकर्मियों को संदिग्धों की तस्वीर दी जाएगी फिर उन्हें ट्रेस कर जांच पड़ताल की जाएगी। साॅफ्टवेयर में मेला क्षेत्र के महत्वपूर्ण स्थलों की सूची पहले से ही फीड होगी। इस तरह से संंदिग्धों की पहचान व उन्हें ट्रेस किया जा सकेगा। एक अफसर ने बताया कि फिलहाल इस संबंध में प्रस्ताव भेज दिया गया है। कुछ सॉफ्टवेयर के नाम भी सुझाए गए हैं। मंजूरी मिली तो इसका क्रियान्वयन किया जाएगा और निश्चित ही यह श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए बेहद मददगार होगा।

ऐसे करता है काम
  • इस तकनीक में खतरनाक व्यवहार का पता लगाने के लिए बड़ी मात्रा में डाटा का विश्लेषण किया जाता है।
  • इसमें वीडियो निगरानी विश्लेषण, चेहरे की पहचान और भावना विश्लेषण, भीड़ व्यवहार विश्लेषण आदि शामिल हैं।
  • वीडियो निगरानी विश्लेषण में व्यवहार संबंधी विसंगति का पता लगाना शामिल है।
  • इसके तहत एआई मॉडल को वीडियो फीड में गति के सामान्य पैटर्न को पहचानने के लिए प्रशिक्षित किया जा सकता है।
  • जब इन पैटर्न से विचलन होता है (जैसे, घूमना, प्रतिबंधित क्षेत्रों में दौड़ना या असामान्य भीड़) तो एआई इसे संदिग्ध गतिविधि के रूप में चिह्नित कर सकता है।
  • इसी तरह ऑब्जेक्ट डिटेक्शन और ट्रैकिंग में एआई मॉडल सार्वजनिक स्थानों पर लावारिस बैग या हथियार जैसी वस्तुओं की पहचान कर सकता है।
  • यह कई कैमरा फीड्स में व्यक्तियों को ट्रैक कर सकता है, बार-बार प्रतिबंधित क्षेत्रों में जाने जैसे असामान्य व्यवहारों को पहचान सकता है।

 

 

 

 

Courtsy amarujala.com

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