महाकुंभ में सोमवार फाल्गुन कृष्ण पंचमी तिथि को बिना किसी विशेष तिथि-मुहूर्त के ही संगम पर आस्था का जन ज्वार उमड़ पड़ा। भोर में ही संगम जाने वाले रास्ते श्रद्धालुओं से भर गए। प्रयागराज जंक्शन, रामबाग और झूंसी सहित किसी स्टेशन पर पैर रखने की तक की जगह नहीं रही।
महाकुंभ में सोमवार फाल्गुन कृष्ण पंचमी तिथि को बिना किसी विशेष तिथि-मुहूर्त के ही संगम पर आस्था का जन ज्वार उमड़ पड़ा। भोर में ही संगम जाने वाले रास्ते श्रद्धालुओं से भर गए। प्रयागराज जंक्शन, रामबाग और झूंसी सहित किसी स्टेशन पर पैर रखने की तक की जगह नहीं रही। जितने श्रद्धालु मेला से निकलकर अपने गंतव्य को जा रहे हैं, उससे ज्यादा स्नानार्थी संगम तट पर पहुंच रहे हैं।
महाकुंभ की ओर जाने वाली सड़कों पर सिर्फ गठरी, झोला लिए श्रद्धालुओं की भीड़ ही दिख रही है। सड़कों पर इस कदर आस्था हिलोरें मारती रही कि पैदल संगम से शहर तक मौनी अमावस्या सरीखा दृश्य नजर आ रहा है। संगम में अमृत स्नान के लिए आस्था का जन प्रवाह इसी तरह उफनाता रहा। दोपहर बजे तक 70 लाख से अधिक श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने का मेला प्रशासन ने दावा किया है। आंकड़े के मुताबिक अब तक करीब 54 करोड़ श्रद्धालु संगम स्नान कर चुके हैं। सोमवार को भी संगम पर तिल रखने की जगह नहीं बची।




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