कर्तव्य पथ परिवार के तत्वाधान में आयोजित में मुंशी राम प्रसाद की बगिया नारायण वाटिका मुट्ठीगंज में श्री शिव महापुराण की कथा के सप्तम दिवस पर कथा का रसपान कराते हुए पूज्य श्री सतानंद महाराज ने शिव पार्वती विवाह का वर्णन करते हुए कहा कि माता मैना भगवान शिव का रूप देखकर भयभीत हो जाती हैं और शादी न करने का ठान लेती है भगवान विष्णु और ब्रह्मा ने माता मैंना को मनाया और भगवान शिव अपने चंद्रमौलिश्वर स्वरूप का दर्शन दिया और माता मैना ने भगवान शिव का चंद्रमौलिश्वर रूप को देखा तो विवाह के लिए राजी हुई और और भगवान शिव और माता पार्वती का परिग्रहण संस्कार संपन्न हुआ और व्यास जी ने कहा कि भगवान शिव के अनेको स्वरूप है पर अपने हर स्वरूप में भक्तों के भाव से दर्शन देते हैं क्योंकि परमात्मा चित्र नहीं भक्त का चरित्र देखता है।
कथा के मुख्य यजमान सपना आर्या , राजेश केसरवानी, सतीश चंद्र केसरवानी, राम जी केसरवानी
मीडिया प्रभारी राजेश केसरवानी ने बताया की कथा के पूर्व महा रुद्राभिषेक एवं पार्थिव शिवलिंग का निर्माण किया गया
आज की कथा की आरती में रईस चंद्र शुक्ला कुमार नारायण,,राजेंद्र प्रसाद केसरवानी,मोहित केसरवानी, साधना चतुर्वेदी, उर्मिला केसरवानी , शैलेंद्र गुप्ता, सांई बाबा,पिंटू कुमार, अजय अग्रहरि,आशा केसरवानी, उषा केसरवानी, आदि सैकड़ों भक्तगण रहे।
Anveshi India Bureau