आल्डा सिन्हा, जिन्हें सभी माला सिन्हा के नाम से बेहतर जानते हैं। माला भारतीय अभिनेत्री हैं जिन्होंने हिंदी, बंगाली और नेपाली फिल्मों में काम किया है। आज माला सिन्हा का 88वां जन्मदिन है। आइए जानते हैं उनकी प्रेम कहानी से जुड़े दिसचस्प किस्से।
माला सिन्हा बॉलीवुड की दिग्गज अभिनेत्री हैं। आज माला सिन्हा का 88वां जन्मदिन है। माला सिन्हा को कभी किसी बॉलीवुड अभिनेता से प्यार नहीं हुआ था, बल्कि उन्हें नेपाली अभिनेता चिदंबर प्रसाद लोहानी से प्यार हुआ था और उन्होंने उनके साथ एक बार नहीं बल्कि तीन बार शादी रचाई थी।
माला का जन्म
माला का जन्म 11 नवंबर 1936 में कोलकाता में हुआ था। माला का जन्म ईसाई नेपाली माता-पिता के घर हुआ था, जो नेपाल के मैदानों से भारत के पश्चिम बंगाल में आकर बस गए थे। उनके पिता का नाम अल्बर्ट सिन्हा था। माला का प्रारंभिक नाम आल्डा था और कोलकाता में स्कूल में उनके दोस्त उन्हें डालडा (वनस्पति तेल का एक ब्रांड) कहकर चिढ़ाते थे, इसलिए उन्होंने बाल कलाकार के रूप में अपना पहला काम मिलने पर अपना नाम बदलकर बेबी नजमा रख लिया। बाद में, जब उन्होंने एक अभिनेता के रूप में हिंदी फिल्मों में काम शुरू किया तो उन्होंने अपना नाम बदलकर माला सिन्हा रख लिया।
माला सिन्हा का करियर
माला ने अपने करियर की शुरुआत 1950, 1960 और 1970 के दशक में की थी। माला ने कई हिंदी फिल्मों में बेहतरीन अभिनय से दर्शकों का दिल जीता है। माला सिन्हा गुरु दत्त की प्यासा और यश चोपड़ा की धूल का फूल जैसी फिल्मों से काफी पसंद किया गया।
नेपाली अभिनता से हुआ प्यार
माला सिन्हा की शादी बॉलीवुड की यादगार शादियों में शुमार है। अपनी शादी में उन्होंने व्हाइट कलर की चमचमाती साड़ी पहनी थी और इसी रंग का वेल सिर पर लिया था। वैसे तो माला सिन्हा को चाहने वालों की इंडिया में कोई कमी नहीं थी लेकिन उन्हें प्यार हुआ नेपाल के अभिनेता चिदंबर प्रसाद लोहानी से। दोनों की लव स्टोरी भी नेपाल से ही शुरु हुई थी। दरअसल, माला सिन्हा क्रिश्चियन थीं और उनके पिता चाहते थे कि उनकी शादी क्रिश्चियन तरीके से चर्च में भी हो। इसलिए माला ने अपनी शादी में व्हाइट साड़ी के साथ इसी रंग का वेल सिर पर लगाया था।
एक ही शख्स से तीन बार शादी
माला सिन्हा की शादी एक नहीं तीन तीन बार हुई लेकिन एक ही शख्स से। इसकी वजह थी उनकी शादी की रस्में। माला सिन्हा और चिदंबर प्रसाद लोहानी ने सबसे पहले कोर्ट मैरिज की थी। इसके बाद पिता की मर्जी को ध्यान में रखते हुए दोनों ने चर्च में शादी की, लेकिन लोहानी के पेरेंट्स चाहते थे कि शादी सात फेरे लेकर ही हो। इसलिए दोनों पर हिंदु रीति रिवाज से शादी की। इस तरह माला सिन्हा और लोहानी को तीन बार शादी की रस्में अदा करनी पड़ी थीं।
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