IIT (BHU) वाराणसी में दो दिवसीय मार्गशक्ति इंडस्ट्री कॉनक्लेव सफलतापूर्वक संपन्न हुआ, जिसमें बुनियादी ढांचा, परिवहन तथा शहरी विकास से जुड़े देश के प्रमुख विशेषज्ञ, नीति-निर्माता और उद्योग जगत के प्रतिनिधि एक मंच पर एकत्र हुए। “विकसित भारत की ओर बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाना” विषय पर केंद्रित इस कॉनक्लेव का उद्देश्य 2047 तक विकसित भारत के निर्माण हेतु आवश्यक अवसंरचनात्मक रणनीतियों, नवाचारों और साझेदारियों पर विचार-विमर्श करना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ सिविल इंजीनियरिंग विभाग के MoRTH चेयर प्रोफेसर डॉ. अंकित गुप्ता के स्वागत भाषण से हुआ, जिसके पश्चात IIT (BHU) के निदेशक प्रो. अमित पात्रा ने अपने विचार साझा किए।
कॉनक्लेव का मुख्य आकर्षण सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय (MoRTH) द्वारा प्रस्तुत भविष्य की रणनीति पर केंद्रित चर्चा रही। विनय कुमार राजावत, महानिदेशक एवं विशेष सचिव, MoRTH ने “विकसित भारत @2047 के लिए राजमार्ग” विषय पर मुख्य भाषण देते हुए सड़क नेटवर्क के आधुनिकीकरण, कनेक्टिविटी सुधार और सामाजिक–आर्थिक विकास में राजमार्गों की भूमिका पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर IIT (BHU) टीम द्वारा विकसित कई तकनीकी उत्पादों, मैनुअलों और शोध रिपोर्टों का भी विमोचन किया गया, जो उन्नत पैवमेंट डिज़ाइन और परिवहन अवसंरचना नियोजन से संबंधित हैं।

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से मुख्यमंत्री के सलाहकार अवनीश कुमार अवस्थी, आईएएस ने राज्य की एक ट्रिलियन डॉलर अर्थव्यवस्था बनने की दृष्टि साझा की। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश एक बड़े बुनियादी ढांचा परिवर्तन के मुहाने पर खड़ा है और टिकाऊ, समावेशी एवं कुशल परिवहन प्रणालियों में निवेश से व्यापक आर्थिक विकास सुनिश्चित होगा।
कॉनक्लेव में “नगर पथ – शहरी मार्ग, शासन, समावेशी गतिशीलता और सिटी लॉजिस्टिक्स” पर एक विशेष पैनल चर्चा आयोजित की गई, जिसमें विशेषज्ञों ने शहरी नियोजन, गतिशीलता तथा सस्टेनेबल लॉजिस्टिक्स से जुड़े अवसरों और चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया। साथ ही “समृद्धि के पथ – पर्यटन, एक्सप्रेसवे, लॉजिस्टिक्स दक्षता और औद्योगिक विकास” विषयक तकनीकी सत्र में पर्यटन को अवसंरचना विकास के साथ जोड़कर आर्थिक प्रभाव बढ़ाने की रणनीतियों पर चर्चा हुई।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (DFCCIL) के वरिष्ठ प्रतिनिधियों — पंकज सक्सेना (पूर्व निदेशक, प्रोजेक्ट प्लानिंग) और मनू प्रकाश दुबे (AGM/OP&BD/EDFC) — ने प्रधानमंत्री गति शक्ति नेशनल मास्टर प्लान के प्रभावों पर महत्वपूर्ण जानकारी साझा की। उन्होंने बताया कि गति शक्ति पहल देशभर में लॉजिस्टिक्स दक्षता एवं मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी को नई गति प्रदान कर रही है, जो भारत के उच्च जीडीपी लक्ष्यों के लिए आवश्यक है।
कॉनक्लेव के दौरान बहुआयामी चर्चाओं में एक साझा संदेश उभरकर सामने आया—अवसंरचना विकास केवल आर्थिक प्रगति नहीं, बल्कि पर्यावरणीय स्थिरता और सामाजिक समावेशन को ध्यान में रखकर होना चाहिए।
मार्गशक्ति इंडस्ट्री कॉनक्लेव अकादमिक जगत, सरकार और उद्योग के बीच मजबूत सहयोग का प्रतीक बनकर उभरा। इसने 2047 तक विकसित और समृद्ध भारत के निर्माण के लिए एक साझा दृष्टि को मजबूत किया और भविष्य के अवसंरचनात्मक परिदृश्य को गति देने वाली महत्त्वपूर्ण दिशा प्रदान की।
Anveshi India Bureau



