शुक्रवार को पोस्टमार्टम के समय पिता अशोक अपने बड़े बेटे और कुछ रिश्तेदारों के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे। उनके दोनों तरफ कुर्सी पर बैठे रिश्तेदार भी अवाक थे। उन्होंने कहा कि परिवार से दूर रहकर वह मेहनत मजदूरी कर बेटे को पढ़ाया। बेटे ने भी खूब मेहनत की।
मोती लाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एमएनएनआईटी) के छात्र विकास कुमार का बीटेक फाइनल था। उसका नोएडा की एक कंपनी में सॉफ्टवेयर इंजीनियर के पद पर 28 लाख के पैकेज पर कैंपस सेलेक्शन हुआ था। जनवरी में ज्वाइनिंग होनी थी।
शुक्रवार को पोस्टमार्टम के समय पिता अशोक अपने बड़े बेटे और कुछ रिश्तेदारों के साथ पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे थे। उनके दोनों तरफ कुर्सी पर बैठे रिश्तेदार भी अवाक थे। उन्होंने कहा कि परिवार से दूर रहकर वह मेहनत मजदूरी कर बेटे को पढ़ाया। बेटे ने भी खूब मेहनत की। वह पढ़ने में बहुत अच्छा था। उन्हें विश्वास था कि वह कुछ बड़ा करेगा और उनके घर की परिस्थिति बदल जाएगी। लेकिन, यह कहते हुए विकास के पिता का गला भर आया। वह कुछ नहीं बोल पाए।
21 अक्तूबर को घर से आया था
पिता ने बताया कि बेटे को 28 लाख रुपये का पैकेज मिला था। परिवार में खुशी का माहौल था। जनवरी में ज्वाइनिंग थी। गांव व रिश्तेदार के लोग बधाई दे रहे थे। 21 अक्तूबर को वह घर से परीक्षा देने की बात कहकर यहां आया था। कहा था, 27 अक्तूबर को फिर घर लौट आएगा।
डाक विभाग में लगी थी नौकरी
पिता ने बताया कि बीटेक प्रवेश परीक्षा की तैयारी के समय वह डाक विभाग में नौकरी के लिए परीक्षा दी थी। वहां पर उसका चयन हो गया। करीब 15 दिन वहां ड्यूटी भी की थी। इस बीच उसका दाखिला एमएनएनआईटी में हो गया। उसके बाद वह नौकरी को छोड़कर कर यहां पढ़ने के लिए आ गया।
जहर से हुई थी एमएनएनआई के बीटेक छात्र की मौत