Actor Dileep-Mohanlal Movie Bha Bha Ba: मलयालम इंडस्ट्री इन दिनों चर्चा में बनी हुई है। साल 2017 के अभिनेत्री यौन उत्पीड़न मामले में एक्टर दिलीप को बरी किए जाने के बाद लगातार बहस जारी है। अब उनकी आने वाली फिल्म के पोस्टर को साझा किए जाने के बाद डबिंग आर्टिस्ट भाग्यलक्ष्मी भड़क गईं। क्या है मामला, चलिए जानते हैं।
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री एक बार फिर गंभीर बहस के केंद्र में आ गई है। इस बार मुद्दा किसी फिल्म की कहानी या बॉक्स ऑफिस से जुड़ा नहीं, बल्कि सिनेमा से जुड़े बड़े नामों की सामाजिक जिम्मेदारी और नैतिक रुख को लेकर है। मशहूर डबिंग आर्टिस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता भाग्यलक्ष्मी ने सुपरस्टार मोहनलाल पर खुलकर नाराजगी जताई है। वजह बनी एक फिल्म का पोस्टर, जिसे मोहनलाल ने सोशल मीडिया पर साझा किया और इसके साथ ही एक नई बहस छिड़ गई।
एक्टर दिलीप-मोहनलाल की फिल्म का पोस्टर
दरअसल, हाल ही में रिलीज होने वाली फिल्म ‘भा भा बा’ के गाने का वीडियो सामने आया, जिसमें मोहनलाल और अभिनेता दिलीप एक साथ नजर आ रहे हैं। दिलीप का नाम 2017 के चर्चित अभिनेत्री उत्पीड़न मामले से जुड़ा रहा है, जिसने पूरे केरल को झकझोर कर रख दिया था। लंबे समय तक चले इस केस के बाद अदालत ने सबूतों के अभाव में दिलीप को राहत दी, लेकिन यह फैसला समाज के एक बड़े वर्ग के लिए आज भी असहज सवाल छोड़ गया।
भाग्यलक्ष्मी ने बोला मोहनलाल पर हमला
डबिंग आर्टिस्ट भाग्यलक्ष्मी ने इस पूरे मामले पर अपनी राय दी। भाग्यलक्ष्मी का कहना है कि ऐसे संवेदनशील मामलों के बाद किसी प्रभावशाली कलाकार का सार्वजनिक समर्थन सिर्फ एक प्रमोशन नहीं, बल्कि एक संदेश भी होता है। उन्होंने साफ शब्दों में कहा कि मोहनलाल जैसे दिग्गज अभिनेता से लोग सिर्फ अभिनय ही नहीं, बल्कि समझदारी और संवेदनशीलता की भी उम्मीद करते हैं। उनके मुताबिक, किसी विवादित फैसले के तुरंत बाद इस तरह का कदम उठाना पीड़ितों के दर्द को नजरअंदाज करने जैसा है। अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव केरल के दौरान अपनी बात रखते हुए भाग्यलक्ष्मी ने सवाल उठाया कि क्या इतने बड़े कलाकार ने एक पल के लिए भी यह सोचने की कोशिश की कि उनके इस कदम का समाज पर क्या असर पड़ेगा। उन्होंने कहा कि जब ताकतवर लोग किसी का खुला समर्थन करते हैं, तो यह सिर्फ एक व्यक्ति का फैसला नहीं रहता, बल्कि पूरे सिस्टम की सोच को दर्शाता है।
भाग्यलक्ष्मी ने इस पूरे मामले को सिर्फ कानून तक सीमित न मानते हुए नैतिकता से जोड़कर देखा। उनके अनुसार, यह लड़ाई सिर्फ अदालतों में नहीं, बल्कि समाज के नजरिए में भी लड़ी जाती है। उन्होंने उस महिला के संघर्ष की याद दिलाई, जिसने वर्षों तक जांच और सुनवाई के दौरान मानसिक और भावनात्मक यातनाएं झेलीं। उनका कहना था कि पीड़िता को बार-बार अपने दर्द को साबित करना पड़ा, जबकि आरोपियों पर वैसा दबाव नहीं दिखा। उन्होंने यह भी कहा कि फैसले के बाद जिस तरह जश्न का माहौल बनाया गया, वह बेहद परेशान करने वाला था। भाग्यलक्ष्मी के मुताबिक, पीड़िताओं से यह उम्मीद की जाती है कि वो हर वक्त दुखी नजर आएं, तभी उनकी बात पर भरोसा किया जाएगा, जबकि ताकतवर लोगों के व्यवहार पर सवाल नहीं उठते।
एक्टर दिलीप को कोर्ट ने किया बरी
एर्नाकुलम प्रिंसिपल सेशंस कोर्ट ने मलयालम फिल्म स्टार दिलीप को 2017 के हाई-प्रोफाइल अभिनेत्री अपहरण और हमले के मामले में सभी आरोपों से बरी कर दिया। कोर्ट ने कहा कि इस केस में दिलीप की भूमिका के पक्ष में कोई ठोस सबूत नहीं मिले इसलिए उन्हें बरी किया जाता है।
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